वो 10 अधूरी इंडियन फिल्में, जो रिलीज हो पातीं तो बॉक्स ऑफिस पर काट देतीं भौकाल
हर कहानी के पीछे छिपी होती है कई अनकही और अनसुनी कहानियां… ये बात आपने भी जिंदगी के किसी न किसी पड़ाव पर कभी न कभी महसूस जरूर की होगी. ठीक उसी तरह फिल्में भी एक ऐसी ही कहानी है.
जो बनती तो किसी कहानी पर है. लेकिन इससे कई नई कहानियां निकल जाती हैं. जो सालों बाद आपके लिए किस्सा बन जाता है. एक फिल्म को बनाने में डायरेक्टर, प्रोड्यूसर्स, एक्टर्स और न जानें कितने ही लोगों की सालों की मेहनत होती है. लेकिन जब ये फिल्में जनता तक पहुंचने में कामयाबी हासिल कर लेती हैं, तो पूरी टीम सुकून की सांस लेती होगी.
देशभर में हर साल सैकड़ों पिक्चर रिलीज होती हैं. कोई दिल को छू जाती है, कुछ बुरी तरह पिट जाती है. तो कुछ बॉक्स ऑफिस पर गर्दा उड़ा देती हैं. लेकिन कभी उन फिल्मों के बारे में जानने की कोशिश की है, जो अधूरी रह गईं. आज हम उन्हीं अनरिलीज्ड इंडियन फिल्मों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. जो किसी कारणवश पूरी नहीं हो पाई.
1. तालिस्मान
शुरुआत अमिताभ बच्चन की पिक्चर से करेंगे, जिसका नाम है ‘तालिस्मान’. साल था 2009 जब इस फिल्म को प्लान किया गया. 12वीं फेल वाले डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा इसे प्रोड्यूस कर रहे थे. जबकि राम माधवानी इसके डायरेक्टर थे. इस पिक्चर का एक टीजर सामने आया. जिसमें अमिताभ बच्चन योद्धा बने दिखाई देते हैं. इस डेढ़ मिनट की क्लिप में वो कहते हैं ‘नो वॉर’. ये कहानी नॉवेल ‘चंद्रकांता’ से उठाई गई थी,
जिसे देवकीनंदन खत्री ने लिखा था. उस वक्त एक रिपोर्ट आई, जिसमें कहा गया था कि, पिक्चर के लिए राम माधवानी ने 4 पन्नों का एक ड्राफ्ट लिखा डाला था. पहले ही पैसों की दिक्कत थी फिर प्रोड्यूसर साहब भी स्क्रिप्ट से खुश नहीं थे. तो टीजर आने के बाद पिक्चर कभी बन ही नहीं पाई.