Delhi में किराए पर रहने वालों को मिलेंगे अब ये अधिकार, जानिए RCS नए नियम

अवैध तरीके से नए सदस्यों से एंट्री फीस वसूलने की बढ़ती शिकायतों के बाद रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी (आरसीएस) ने यह साफ कर दिया है.

कि दिल्ली की कोई भी कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी किसी भी रूप में सदस्यों से एंट्री फीस नहीं ले सकती। ऐसा करने पर सोसायटियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पिछले कुछ साल में इस तरह की कार्रवाई की भी गई हैं।

जनवरी में आरसीएस ने इसे लेकर निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश दिल्ली की सभी ग्रुप हाउसिंग, हाउसिंग बिल्डिंग सोसायटियों के प्रेजिडेंट और सेकेटरी के अलावा स्पेशल रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और सभी असिस्टेंट रजिस्ट्रार को भेजे गए हैं।

यह आदेश रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी के एके सिंह ने जारी किए हैं। इसमें लिखा गया है कि हाउसिंग सोसायटियों की मैनेजिंग कमिटियों को पहले भी यह निर्देश दिए गए हैं .

कि वह किसी भी तरह की एंट्री फीस नहीं ले सकते। इस संबंध में पहला निर्देश अक्टूबर 1999 में जारी हुआ था। इसके बाद अक्टूबर 2001 में भी यह निर्देश दिया गया।

इसके बावजूद कुछ सोसायटियों से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि वह सदस्यों या किरायेदारों से एंट्री फीस चार्ज कर रही हैं। यह एंट्री फीस डिवेलपमेंट फंड, ट्रांसफर फीस, कॉमन गुड फंड आदि के तौर पर ली जा रही है।

ज्यादातर शिकायतें मैंबरशिप के लिए अप्लाई करने वालों और पावर ऑफ अटार्नी के लिए अप्लाई करने वालों से मिली हैं। एंट्री फीस लेना डीसीएस एक्ट, 2003 और डीसीएस रूल, 2008 का उल्लंघन है।

इसी वजह से सोसायटियों को एक बार फिर चेताया जा रहा है कि वह इस तरह की प्रैक्टिस तुरंत बंद कर दें। वरना इस तरह की मैनेजिंग कमिटी के खिलाफ नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई की जाएगी।

ऐसी शिकायतों पर हुई है कार्रवाई-

आरसीएस ऐसी शिकायतों पर पहले भी कार्रवाई कर चुका है। इस तरह के मामले में मार्च 2023 में आरसीएस ने द्वारका सेक्टर-11 के श्री दुर्गा सीजीएचएस लिमिटेड को नए सदस्यों को फीस वापस करने के आदेश दिए थे।

इस सोसायटी ने 16 सदस्यों से डिवेलपमेंट चार्ज के नाम पर एंट्री फीस ली थी। सभी सदस्यों को करीब एक-एक लाख रुपये इस मामले में वापस किए गए थे।

एंट्री फीस नहीं लेने का अधिकार-

ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन के प्रेजिडेंट अजीत स्वामी ने बताया कि इस तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं। वह अपनी तरफ से भी सोसायटियों को आगाह करते रहे हैं।

आरसीएस के निर्देश सभी सोसायटियों को मिल चुके हैं। वह खुद भी सोसायटियों को इसकी कॉपी दे चुके हैं। सोसायटियों को नए सदस्यों या किरायेदारों से एंट्री फीस लेने का अधिकार ही नहीं है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 जनवरी 2007 में आदेश दिया था कि सोसायटी के असली सदस्यों से फ्लैट खरीदने वाले नए सदस्यों से गेट मनी, एंट्री फीस, डिवेलपमेंट फंड, ट्रांसफर फीस या कॉमन गुड फंड के नाम पर कोई शुल्क नहीं लिया जा सकता है।

ग्रुप हाउसिंग सोसायटी का काम फ्लैट का निर्माण करवाना और उन्हें सदस्यों को अलॉट करना है। इसके अलावा उन्हें कॉमन सुविधाओं की देखरेख करनी होती है। इसके लिए वह हर सदस्य से निर्धारित मैंटिनेंस चार्ज लेती हैं।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *