तीन जेल में, एक अस्पताल में तो कोई संशय में, क्या UP राज्यसभा चुनाव में होगा ‘खेला’?

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसमें आठ बीजेपी की और से तो तीन समाजवादी पार्टी की ओर से किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा पेंच समाजवादी पार्टी के एक उम्मीदवार को लेकर फंसा है, क्योंकि उसके पास उतने विधायक नहीं है, जिससे की तीन उम्मीदवार को राज्यसभा भेजा जा सके. तीसरे उम्मीदवार को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. अखिलेश यादव खुद समीकरण सेट कर रहे हैं. राज्यसभा चुनाव की यह लड़ाई इसलिए दिलचस्प हो गई है क्योंकि समाजवादी पार्टी के कुछ नेता जेल में हैं, एक अस्पताल में हैं और कुछ को लेकर अभी तक संशय की स्थिति है.

समाजवादी पार्टी की ओर से जिन तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है उसमें जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन का नाम शामिल है. जया बच्चन को समाजवादी पार्टी पहले भी राज्यसभा भेज चुकी है और मौजूदा वक्त में वो सांसद भी हैं, जबकि रामजीलाल सुमन पूर्व लोकसभा सांसद हैं. आलोक रंजन किसी परिचय के मोहताज नहीं है. वो पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और कभी अखिलेश यादव के काफी करीबी भी थे. यही वजह है कि अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है.

समाजवादी ने तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतार तो दिया है, लेकिन उसके सामने कई मुश्किलें भी हैं. सपा के तीन विधायक रमाकांत यादव, इरफान सोलंकी जेल में हैं. इसके अलावा अब्बास अंसारी भी जेल में हैं जो कि ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुभासपा के टिकट में जीत हासिल करते हुए विधायक हैं. इरफान सोलंकी को कोर्ट ने चुनाव में शामिल होने की अनुमति नहीं दी है. जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा हुआ है. ऐसे में इन तीन विधायकों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. पहले भी ऐसा देखने को मिल चुका है जब जेल में रहते हुए कई विधायक राज्यसभा चुनाव में अपना वोट नहीं डाल पाए हैं. इसमें मुख्तार अंसारी का नाम भी शामिल हैं.

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