बच्चों को डरपोक और दब्बू तो नहीं बना रहे आप, 5 बातों से बढ़ाएं उनका आत्मविश्वास, न करें ज्यादा रोक-टोक
हर किसी के लिए उसका बचपन खास होता है. ऐसे में माता-पिता की यह जिम्मेदारी होती है कि वे उन्हें सही परवरिश दें और एक बेहतर माहौल दें. किस तरह से लोगों के साथ बात करना है, मिलना जुलना है, यह सब बच्चा सबसे पहले अपने माता पिता से ही सीखता है. माता-पिता को देखकर बच्चे लोगों से मिलना जुलना सीखते हैं और वे जीवन में प्रैक्टिकल और सोशल बन पाते हैं, लेकिन कई पेरेंट्स की परेशानी होती है कि उनके बच्चे का आत्मविश्वास घटता जा रहा है और वे लोगों से बातचीत करने या मिलने जुलने से भी कतरा रहे हैं.
किड्स हेल्थ के मुताबिक, जब बच्चे को पॉजिटिव अटेंशन मिलता है और भरपूर प्यार और केयर मिलता है तो वह खुद को सुरक्षित और प्यार करने के लायक समझता है और उसका आत्मविश्वास अपने आप ही बढ़ने लगता है. जब माता-पिता ध्यान देते हैं, उन्हें प्रयास करने देते हैं, मुस्कुराने देते हैं और उस पर गर्व करते हैं तो उसका आत्म सम्मान बढने लगता है और वह अंदर से मजबूत बनने लगता है ।
बच्चों को दें समयआप यह समझें कि बच्चे को अपने पैरेंट्स के साथ की जरूरत होती है. इसलिए बच्चों के लिए समय निकालें और उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताएं.
आपस में रिश्ते को सुधारेंबच्चों की हर वक्त शिकायत करने से बचें. उनके साथ अच्छी बॉन्डिंग बनाएं और रिश्ते को मधुर बनाने का प्रयास करें. जब आपके बीच रिश्ता अच्छा होगा तो आप उन्हें बेहतर तरीके से गाइड भी कर पाएंगे.
तुलना करने से बचेंअपने बच्चों की तुलना किसी और के साथ ना करें. हर बच्चे यूनीक होते हैं और सभी में कुछ ना कुछ खामियां और खूबियां होती हैं. तुलना करने से बच्चों का आत्मविश्वास कम हो सकता है.
तारीफ करेंबच्चा अगर कुछ अच्छा करता है तो उसकी जमकर तारीफ करें. कई माता पिता बच्चों की शिकायत तो बहुत करते हैं लेकिन कुछ अच्छा करने पर बड़ाई नहीं करते. इससे उनका हौसला कम हो जाता है.
ट्रिप पर जाएंबच्चों के साथ कुछ एजुकेशनल और फन ट्रिप बनाएं. दिनभर साथ गुजारें और यादगार अनुभव उनके साथ बनाएं. ऐसा करने से वे आपसे काफी कुछ सीख पाएंगे और उन्हें लोगों से मिलना जुलना या सोशल होना भी पाएगा. इस तरह उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.