INDW vs AUSW: झूलन गोस्वामी की एक सलाह से बदल गई टिटास साधु की जिंदगी, भारत की जीत में रही अहम भूमिका
भारत की युवा तेज गेंदबाज टिटास साधु ने कहा कि दिग्गज गेंदबाज झूलन गोस्वामी उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा रही हैं. केवल तेज गेंदबाजी करने पर ध्यान देने की उनकी सलाह का यह 19 वर्षीय खिलाड़ी प्रत्येक दिन पालन करती है. टिटास ने शुक्रवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 17 रन देकर चार विकेट लिए जिससे भारत ने यह मैच आसानी से 9 विकेट से जीता. यह 2012 के बाद पहला अवसर था जबकि भारत की किसी गेंदबाज ने मैच में चार या इससे अधिक विकेट लिए.
झूलन गोस्वामी की खास सलाह
झूलन गोस्वामी ने मार्च 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 रन देकर 5 विकेट लिए थे. टिटास ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘जब मेरी झूलन दीदी से पहली बार बातचीत हुई थी तो उन्होंने कहा था कि बाकी चीजों के बारे में सोचना बंद करो और केवल तेज गेंदबाजी करने पर ध्यान दो. क्योंकि तुम तेज गेंदबाज हो और तुम्हें अधिक से अधिक तेज गति से गेंद करनी होगी. मुझे लगता है कि यह मेरी सफलता की कुंजी है.’
टिटास ने झूलन को शुक्रिया कहा
टिटास ने कहा कि झूलन गोस्वामी की उनकी जिंदगी में हमेशा जीवंत उपस्थिति रही है. उन्होंने कहा, ‘झूलन गोस्वामी मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा रही हैं क्योंकि जब मैं 13 साल की थी तब मैंने पहली बार उन्हें देखा था और इसके बाद हमेशा उनका मुझ पर प्रभाव रहा.’ टिटास ने कहा, ‘वह अभी बंगाल की टीम के साथ दिल्ली में हैं और शायद मुझे इस सीरीज के बाद वहां टीम से जुड़ना है. उनके साथ काम करना बहुत बड़ा मौका होता है जो बहुत कम लोगों को मिलता है क्योंकि आपको उनके अनुभव से सीखने को मिलता है.’
मंधाना और शेफाली का अर्धशतक
उन्होंने कहा, ‘और कितने खिलाड़ियों को भारत की तरफ से 100 मैच खेलने और 20 वर्ष तक खेलने का मौका मिला है. मैं तो अभी 20 वर्ष की भी नहीं हुई हूं.’ भारत ने टिटास के करियर के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन के बाद सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना (54 रन) और शेफाली वर्मा (नाबाद 64 रन) के बीच पहले विकेट के लिए 137 रन की साझेदारी की बदौलत शुक्रवार को यहां पहले टी20 मैच में ऑस्ट्रेलिया को नौ विकेट से हराकर तीन मैच की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई.
ऑस्ट्रेलिया को भारत ने 141 रन पर समेटा
साधू के गेंदबाजी प्रदर्शन की बदौलत भारत ने आस्ट्रेलिया को 19.2 ओवर में 141 रन पर समेट दिया. इसके बाद मंधाना और शेफाली के अर्धशतकों से 17.4 ओवर में एक विकेट पर 145 रन बनाकर नौ विकेट से जीत हासिल की. यह विकेट के लिहाज से भारत की ऑस्ट्रेलिया पर सबसे बड़ी जीत है. शेफाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले दो वनडे में नहीं खेल सकीं थी, उन्होंने 44 गेंद में छह चौके और तीन छक्के से नाबाद 64 रन बनाकर टी20 में अपना पांचवां अर्धशतक जड़ा. मंधाना भी शानदार लय में दिखीं, उन्होंने 52 गेंद की पारी में सात चौके और एक छक्के से अपना 27वां अर्धशतक और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सातवां अर्धशतक जमाया.
मंधाना ने पूरे किए 3000 रन
शेफाली और मंधाना के बीच पहले विकेट के लिए 137 रन की साझेदारी भारत की दूसरी सर्वश्रेष्ठ सलामी भागीदारी है. आस्ट्रेलियाई टीम ने यह साझेदारी तब तोड़ी जब भारतीय टीम जीत के करीब पहुंच गयी थी. मंधाना कप्तान हरमनप्रीत कौर के बाद 3,000 रन का आंकड़ा पारी करने वाली दूसरी भारतीय और महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय में कुल छठी बल्लेबाज बनीं. इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत काफी अजीब रही क्योंकि पहले ओवर में बने 14 रन में से एक भी रन खिलाड़ी के बल्ले से नहीं बना. इसके बाद मंधाना और शेफाली के बल्ले ने कमाल कर दिखाया.