रथ सप्तमी है आज, जानिए पूजन विधि और महाउपाय

माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी मनाई जाती है. इस आरोग्य सप्तमी भी बोला जाता है. इस दिन को कश्यप ऋषि एवं अदिति के संयोग से भगवान सूर्य का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को सूर्य की जन्मतिथि भी बोला जाता है.

इस दिन पूजा एवं उपवास से आरोग्य व संतान की प्राप्ति होती है, इसलिए इसको आरोग्य सप्तमी एवं पुत्र सप्तमी भी कहा जाता है. इसी दिन से सूर्य के सातों घोड़े उनके रथ को वहन करना शुरू करते हैं, इसलिए इसे रथ सप्तमी भी कहते हैं. इस वर्ष रथ सप्तमी 16 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है.

हिंदू पंचांग के मुताबिक, माघ शुक्ल सप्तमी को रथ सप्तमी मनाई जाती है. इस साल यह तिथि 15 फरवरी यानी कल प्रातः 10 बजकर 12 मिनट से आरम्भ हो चुकी है तथा तिथि का समापन 16 फरवरी यानी आज प्रातः 08.54 मिनट पर होगा. उदिया तिथि के चलते रथ सप्तमी 16 फरवरी यानी आज ही मनाई जा रही है.

रथ सप्तमी की पूजा आराधना
रथ सप्तमी पर स्नानादि के पश्चात् साफ-सुथर वस्त्र धारण करें. सूर्य को जल चढ़ाएं. घर के बाहर या मध्य में सात रंगों की रंगोली बनाएं. मध्य में चार मुख वाला दीपक रखें. चारों मुखों को प्रज्ज्वलित करें. लाल पुष्प एवं शुद्ध मीठा पदार्थ अर्पित करें. गायत्री मंत्र या सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. जाप के बाद गेहूं, गुड़, तिल, ताम्बे का बर्तन और लाल वस्त्र का दान करें. घर के प्रमुख के साथ-साथ सभी लोग भोजन ग्रहण करें.

सूर्य कृपा पाने के महाउपाय
रथ सप्तमी पर भगवान सूर्य को जवा पुष्प या आक के पुष्प चढ़ाएं. गुड़, गेहूं और तांबे के बर्तनों का दान करें. सात्विक आहार ग्रहण करें. यदि कुंडली में खराब सूर्य की दशा चल रही हो तो सूर्य को जल अर्पित करें. सुबह और शाम “ॐ आदित्याय नमः” का जप करें.

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