कल है माघी पूर्णिमा, जानें स्नान दान का महत्व और पूजन विधि

माघी पूर्णिमा 24 फरवरी शनिवार को है। माघ माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 23 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर हो रहा है। साथ ही पूर्णिमा तिथि का समापन 24 फरवरी को शाम 05 बजकर 59 मिटन पर होगा।

इस प्रकार उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 24 फरवरी, शनिवार के दिन को मान्य होगी। पुराणों में इस संबंध में बताया गया है कि माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से शोभायमान होकर अमृत की वर्षा करते हैं। इसके अंश वृक्षों, नदियों, जलाशयों और वनस्पतियों में होते हैं इसलिए इनमें सारे रोगों से मुक्ति दिलाने वाले गुण उत्पन्न होते हैं।

माघ पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार माघ पूर्णिमा में स्नान दान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए। यदि ऐसा न हो सके तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर नहा लेना चाहिए। इसके अलावा गंगाजल का आचमन यानी हथेली में थोड़ा सा गंगाजल पी लेने से भी पुण्य मिलता है। माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करना चाहिए। इससे हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

 

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