Train Emergency Brake: इमरजेंसी ब्रेक लगाने से क्या पटरी से उतर जाती है रेलगाड़ी?

कई बार आप लोगों ने सुना या फिर पढ़ा होगा कि ट्रेन के ड्राइवर ने इमरजेंसी में ब्रेक लगाई और ट्रेन पटरी से उतर गई, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है? क्या वाकई ऐसा कुछ होता है, इमरजेंसी ब्रेक लगाने से क्या ट्रेन पटरी से उतर सकती है? बहुत से लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि अगर ऐसा है तो फिर ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक क्यों दी जाती है?

जब ट्रेन का ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक लगाता है तब ट्रेन के हर पहिये में ब्रेकिंग फोर्स एक समान रहता है और फोर्स ज्यादा होता है. आसान भाषा में अगर समझाएं तो ट्रेन के हर पहिये पर ब्रेक का दबाव एक बराबर पड़ता है जिससे इमरजेंसी सिचुएशन में ब्रेक लगाने पर ट्रेन रुक जाती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरजेंसी सिचुएशन में अगर ट्रेन का ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल करता भी है तो भी ट्रेन के पटरी से फिसलने की संभावना नहीं होती.

ट्रेन के सामने अगर कुछ आ भी जाता है तो ट्रेन का ड्राइवर उसे बचाने के लिए ब्रेक नहीं लगाता है, सवाल ये उठता है कि आखिर ड्राइवर ऐसा करता क्यों है? बहुत से लोगों का कहना होगा कि ट्रेन तेज रफ्तार में दौड़ रही होती है और तुरंत ब्रेक अप्लाई करने पर ट्रेन से पटरी से उतर सकती है.

अगर इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर ट्रेन पटरी से उतरती तो ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक दिए ही नहीं जाते. ट्रेन के पहिये और ट्रैक दोनों ही मेटल के बने होते हैं जिस वजह से दोनों के बीच फ्रिक्शन काफी कम होता है और ट्रेन होती भी भारी है जिस कारण ट्रेन को रुकने के लिए ज्यादा जगह चाहिए होती है.

जब तक ट्रेन का ड्राइवर ट्रेक पर किसी को देख पाता है तब तक ट्रेन उस चीज के काफी पास आ चुकी होती है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर ट्रेन रुक ही नहीं सकती, यही वजह कि ट्रेन को नहीं रोका जाता.

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