Train From Delhi to Dubai & London: अब ट्रेन से तय करें दुबई और लंदन का सफर, दिल्ली से तैयार होने जा रहा ये खास रूट
हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह एक बार विदेश की यात्रा जरूर करें लेकिन विदेश जाने का खर्चा उठाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता। ऐसे में कुछ लोग मन मार कर रह जाते है। लेकिन कैसा होगा यदि आप विदेश की यात्रा कर सकें वो भी रेल से और अपने बजट में? यह किसी सपने से कम नहीं है ना, लेकिन यह सच है आने वाले वर्षों में आप ट्रेन और बस से भी विदेश का सफर तय कर सकेंगे। अब आप सोच रहे होंगे आखिर यह कैसे संभव होगा? यह बिल्कुल मुमकिन होगा क्योंकि भारत, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, सऊदी अरब और यूएई ने इस सपने को साकार करने का प्लान बनाया है। जिससे आप न केवल भारत से दुबई बल्कि लंदन या न्यूयॉर्क जैसे देशों की भी यात्रा कर सकेंगें।
इस साल सिंतबर में नई दिल्ली में आयोजित हुए G20 शिखर सम्मेलन में IMEC यानि कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना पर हस्ताक्षर किए गए है, जिसके तहत अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया को रेल ट्रांसपोर्टेशन कॉरिडोर व शिपिंग कॉरिडोर के जरिये आपस में जोड़ने की योजना पर काम किया जा रहा है।
IMEC परियोजना के बार में?
Train From Delhi to Dubai & London: इस परियोजना का उद्देश्य भारत, मध्य पूर्व और यूरोप को रेल एवं पोर्ट नेटवर्क के जरिए जोड़ना है। इस परियोजना के अंतर्गत मध्य पूर्व में स्थित देशों को एक रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा जिसके बाद उन्हें भारत से एक शिपिंग रूट के माध्यम से जोड़ा जाएगा। वहीं, इसके बाद इस नेटवर्क को यूरोप से जोड़ा जाएगा ।
प्रस्तावित परियोजना में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) में रेलमार्ग, शिप-टू-रेल नेटवर्क और सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे जो दो गलियारों, पूर्वी गलियारा और उत्तरी गलियारा तक फैले होंगे। इनमें पूर्वी गलियारा भारत को अरब की खाड़ी से जोड़ेगा, जबकि उत्तरी गलियारा अरब की खाड़ी को यूरोप से जोड़ेगा। IMEC रेल एवं शिपिंग विकल्पों के अलावा बिजली और ऊर्जा (गैस एवं हाइड्रोजन) पाइपलाइन कनेक्टिविटी का विकल्प भी प्रदान करेगा।
परियोजना का लाभ
Train From Delhi to Dubai & London: प्रस्तावित परियोजना के पूरा होने पर समुद्री और सड़क परिवहन के अतिरिक्त रूप में सीमा पार से रेलवे परिवहन नेटवर्क उपलब्ध कराएगा। अहम बात यह है कि भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्राँस और जर्मनी यानि कुल 8 देश मिलकर इस अहम कॉरिडोर को बनाएंगे। इन शिपिंग और रेल कॉरिडोर के निर्माण हो जाने के बाद भारत के लिए अरब और यूरोपियन देशों के साथ व्यापार करना पहले के मुकाबले ज्यादा आसान और सस्ता हो जाएगा।