Travel: समुद्र के बीचों-बीच बनी ये दरगाह कभी नहीं डूबती! जानिए इसका रहस्य
ऋतिक रोशन, जया बच्चन और करिश्मा कपूर की फिल्म फिजा का गीत ‘पिया हाजी अली-पिया हाजी अली’ आपने कई बार सुना होगा और साथ में गुनगुनाया भी होगा. ये गीत सुनते ही आपके मन में हाजी अली दरगाह जाने की इच्छा जागती होगी. खैर, कई लोग ये गाना भी सुन चुके होंगे और यहां जा भी चुके होंगे लेकिन शायद ही इससे जुड़े रहस्य को जानते हों. दरअसल, समुद्र के बीचो-बीच बनी हाजी अली दरगाह कभी डूबती क्यों नहीं है?
बता दें कि हाजी अली दरगाह मुंबई में है. अरब सागर के बीच बनी ये दरगाह 400 सालों से ऐसी ही है. हाजी अली दरगाह अरब सागर में महालक्ष्मी मंदिर के नजदीक स्थित है. यहां सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदू भी जियारत करने के लिए आते हैं. यहां पहुंचने के लिए छोटी-छोटी चट्टानों के रास्ते से गुजरना पड़ता है.
कब बनाई गई दरगाह
कहा जाता है कि हाजी अली दरगाह का निर्माण सन् 1431 में सैय्यद पीर हाजी अली बुखारी की याद में करवाया गया था. यहां हिंदुओं और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों की भीड़ दिख जाएगी. इसके साथ ही, ये मुंबई के सबसे अहम पर्यटक जगहों में से एक है. हाजी अली ट्रस्ट की जानकारी के मुताबिक, सैय्यद पीर हाजी अली उज्बेकिस्तान के बुखापा प्रांत से भारत आए थे.
क्या है कहानी
टस्ट और आम लोगों के मुताबिक, हाजी अली जब भारत आए थे तो उन्होंने मुंबई के वर्ली इलाके को रहने के लिए चुना. कहा जाता है कि यहां पर रहते-रहते उन्हें ये जगह काफी पसंद आने लगी. यहीं रहकर इन्हों धर्म के प्रचार-प्रसार की बात सोची. उन्होंने अपनी मां को भी खत लिखकर इस जगह के बारे में जानकारी दी थी.
क्या है रहस्य
खास बात ये है कि समुद्र चाहे कितने भी उफान पर हो, ये जगह कभी नहीं डूबती. कहा जाता है कि हाजी अली जब मक्का जा रहे थे तो वह यहां डूब गए थे. 400 साल पुरानी इस दरगाह को कई बार बनाया गया है. मान्यता हैं कि आज भी समुद्र तेज ज्वार के समय भी हाजी अली शाह बुखारी के अदब के चलते कभी अपने दायरें नहीं तोड़ता हैं.
कैसे पहुंचे हाजी अली
यहां आप फ्लाइट से भी जा सकते हैं. मुंबई एयरपोर्ट से इसकी दूरी 30 किलोमीटर है और सांताक्रूज हवाई अड्डे से ये 26 किलोमीटर दूर है. इसके अलावा, आप छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर जा सकते हैं. दरगाह जाने के लिए आपको कई सवारियां मिल जाएंगी.