UAE के राष्ट्रपति से मिले पीएम मोदी, दोनों देशों में कारोबार से लेकर आर्थिक गलियारे तक कई मुद्दों पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के दो दिन के दौरे पर हैं। इस दौरान वे 14 फरवरी को हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले वे मंगलवार दोपहर अबू धाबी पहुंचे, जहां उनका ग्रैंड वेलकम किया गया। इस दौरान मोदी ने कहा कि ‘मैं गर्मजोशी से किए गए इस स्वागत का आभारी हूं। जब भी मैं यहां आपसे मिलने आता हूं, मुझे हमेशा लगता है कि मैं अपने परिवार से मिलने आया हूं।’ हम बीते सात महीनों में पांच बार मिल चुके हैं। इससे हमारे करीबी संबधों का पता चलता है। इस दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा हुई इस दौरान कई रणनीतिक मुद्दों पर विमर्श किया गया। दोनों नेता इन विषयों पर आपसी परामर्श के गवाह बने।

द्विपक्षीय निवेश संधि: यह समझौता दोनों देशों में निवेश को और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक अंतर सरकारी ढांचागत समझौता: यह इस मामले पर पिछली समझ और सहयोग पर आधारित होगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात के सहयोग को बढ़ावा देगा।

डिजिटल अवसंरचना परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन: यह डिजिटल अवसंरचना क्षेत्र में निवेश सहयोग सहित व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा। साथ ही तकनीकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।

दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग प्रोटोकॉल: यह प्रोटोकॉल अभिलेखीय सामग्री की बहाली और संरक्षण सहित इस क्षेत्र में व्यापक द्विपक्षीय सहयोग को आकार देगा।

विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन: इससे दोनों देशों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा, जिसका उद्देश्य लोथल, गुजरात में समुद्री विरासत परिसर का समर्थन करना है।

त्वरित भुगतान प्लेटफार्मों – यूपीआई (भारत) और एएनआई (यूएई) के इंटरलिंकिंग पर समझौता: इससे दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी। यह माननीय प्रधानमंत्री की अबू धाबी यात्रा के दौरान पिछले साल जुलाई में हस्ताक्षरित इंटरलिंकिंग भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम पर समझौता ज्ञापन का अनुसरण करता है।

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