UAE ने इजराइल-US को दिखा दी अपनी ताकत, खुलकर आया ईरान-हूती के साथ

गाजा पर इजारइल के हमलों के जवाब में ईरान समर्थित रेजिस्टेंस ग्रुप मध्य पूर्व के कई देशों से इजराइल और अमेरिकी सेना को निशाना बना रहे हैं. लाल सागर में हूती, लेबनान से हिजबुल्लाह और इराक में इस्लामिक रेजिस्टेंस एक्टिव हैं. इन हमलों से निपटने के लिए पिछले महीने अमेरिका ने एक संयुक्त सेना बनाकर ईरान समर्थित रेजिस्टेंस संगठनों पर हमले शुरू किए हैं. जिसके बाद क्षेत्र में जंग फैलने का डर बना हुआ है. अमेरिका खाड़ी देशों में मौजूद अपने आर्मी बेसिस से ईरान समर्थित रेजिस्टेंस को निशाना बना रहा है, लेकिन UAE ने अपनी जमीन का ईरान और हूति के खिलाफ इस्तेमाल करने से अमेरिका पर रोक लगानी शुरू कर दी है.

अमेरिका सेना के सालों से UAE, कुवैत, ओमान, कतर और कई खाड़ी देशों में आर्मी बेस हैं. इन बेस में हजारों अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया गया है. इन्हीं बेस का सहारा लेकर अमेरिका अपने हमलों को अंजाम दे रहा है. पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात सहित कई अरब देशों ने ईरानी समर्थित संगठनों के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल करने से अमेरिका पर रोक लगाई है.

क्यों लगा रहे अरब देश रोक?

कई अरब देश ईरान के साथ अपने रिश्ते सुधार रहे हैं. ऐसे में अमेरिका का खुले तौर पर ईरान समर्थित संगठनों के खिलाफ साथ देना उनके इन प्रयासों पर पानी फेर सकता है. एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पोलिटिको को बताया कि जैसे-जैसे गाजा में नागरिक की मौतों की तादाद बढ़ रही है वैसे वैसे अरब देश अमेरिका को रेजिस्टेंस ग्रुप पर हमला करने के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल को सीमित कर रहे हैं.

अरब देशों के उपर अंदरूनी दबाव भी बढ़ रहा है. अरब देशों की जनता इजराइल पर अरब देशों के सुस्त रुख को लेकर अपने नेताओं से दुखी है और अरब शासकों के खिलाफ चुट-पुट अवाजे भी उठ रही हैं. गाजा यु्द्ध के बाद ईरान की छवि मुस्लिम वर्ल्ड में लीडर के तौर पर उभरी है जिसकों सऊदी अरब और UAE कभी बर्दाशत नहीं करेंगे. ऐसे में ईरान समर्थित संगठनों पर हमला करने में अमेरिका की मदद कर वे अपनी छवि और खराब नहीं करना चाहते.

हूती कारर्वाई के खिलाफ एक्शन

जनवरी में हूतियों के लाल सागर में हो रहे हमलों के जवाब में अमेरिका और यूनाइडिट किंगडम ने हूती ठिकानों के निशाना बनाना शुरु किया था. इन हमलों की जानकारी देते हुए अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन कहा था कि ये हमले होतियों द्वारा दुनिया के सबसे अहम समुद्री रास्तों में से एक लाल सागर को बाधित करने के जवाब में किए जा रहे हैं. बाइडे ने ये भी बताया था इन हमलों में UK और ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड हमारे साथ हैं ।

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