UP का नया राज्यपाल कौन होगा? आनंदीबेन पटेल रचेंगी इतिहास या मिलेगा विस्तार
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो रहा है. दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश से हटाकर उत्तर प्रदेश का राज्यपाल 29 जुलाई 2019 को नियुक्त किया था. अब उनका कार्यकाल सोमवार को पूरा हो रहा है, ऐसे में लोगों की निगाहें राजभवन पर टिक गई हैं. सूबे के सियासी इतिहास में अभी तक किसी भी राज्यपाल को लगातार दूसरा कार्यकाल नहीं मिला है. ऐसे में देखना होगा कि आनंदीबेन पटेल इतिहास रचती हैं या फिर नए गवर्नर की नियुक्त तक उन्हें कुछ दिनों का विस्तार देकर संवैधानिक पद पर बनाए रखा जाएगा?
नरेंद्र मोदी के साल 2014 में प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालने के बाद आनंदीबेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री बनी थीं. इसके बाद मोदी सरकार ने आनंदीबेन पटेल को जनवरी 2018 को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था. एमपी की गवर्नर रहते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ का कार्यभार भी संभाला था. इसके बाद मोदी सरकार जब दूसरी बार सत्ता में आई तो देश के कई राज्यों में राज्यपाल की नियुक्तियां की गईं, जिसमें लालजी टंडन को मध्य प्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया तो आनंदीबेन पटेल को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बना दिया. इस तरह से यूपी के राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल 29 जुलाई को पूरा हो रहा है.
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यूपी में पांच साल पूरा करने वाले गवर्नर
उत्तर प्रदेश में आनंदीबेन पटेल राज्यपाल के तौर पर कार्यकाल पूरा करने वाली 8वीं गवर्नर 29 जुलाई को हो जाएंगी. यूपी में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले राज्यपाल की फेहरिस्त में कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी, विश्वनाथ दास, बीजी रेड्डी, चंद्रेश्वर प्रसाद नारायण सिंह, मो. उस्मान आरिफ, टीवी राजेश्वर और राम नाईक के बाद आनंदीबेन पटेल का नाम जुड़ने जा रहा है. बीएल जोशी यूपी के राज्यपाल के तौर पर चार साल 11 महीने बिताए थे. इस तरह महज एक महीने से अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.
आनंदीबेन पटेल क्या रचेंगी इतिहास
यूपी के सियासी इतिहास में आजतक किसी भी राज्यपाल को दूसरा कार्यकाल नहीं मिल सका है. उत्तर प्रदेश में अभी तक कुल 25 गवर्नर बनाए गए हैं. आनंदीबेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो रहा है. ऐसे में मोदी सरकार अगर दोबारा से उन्हें राज्यपाल नियुक्त करती हैं तो इतिहास रच देंगी. लेकिन इतिहास तभी बनेगा, जब उन्हें दूसरा कार्यकाल मिलता, लेकिन अगर सरकार उन्हें ये मौका नहीं देती तो अभी तक की चली आ रही परंपरा बरकरार रहेगी.
ऐसे में देखना है कि आनंदी बेन पटेल को मोदी सरकार क्या राज्यपाल बनाए रखने के लिए दूसरा कार्यकाल देती है फिर कुछ दिनों का विस्तार. राम नाइक को राज्यपाल के तौर पर पांच दिन का विस्तार दिया गया था. 29 जुलाई से विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. इस लिहाज से माना जा रहा है कि अगर सरकार किसी को राज्यपाल नियुक्त नहीं करती है तो फिर आनंदीबेन पटेल को कुछ दिनों का विस्तार दे सकती है.