UP के प्रयागराज में ONGC लगाने जा रही 700 अरब रुपए की रिफाइनरी, पैदा होंगे हजारों रोजगार

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज को जल्द एक नई पहचान मिल सकती है. मथुरा के बाद अब प्रयागराज उत्तर प्रदेश का नया फ्यूल हब बन सकता है, क्योंकि ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) एवं भारत पेट्रोलियम (BPCL) की यहां नई रिफाइनरी लगाने की योजना है. इस रिफाइनरी को बनाने पर करीब 8.3 बिलियन डॉलर ( लगभग 700 अरब रुपए) का निवेश किए जाने की संभावना है.
दरअसल बीपीसीएल के पास प्रयागराज में एक लैंड पार्सल पहले से पड़ा हुआ है, इसलिए यूपी में इस रिफाइनरी के लगने की संभावना ज्यादा है. हालांकि कंपनी की नजर में आंध्र प्रदेश का विकल्प भी है. इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि रिफाइनरी की स्थापना के लिए ओएनजीसी ने बीपीसीएल से बातचीत भी शुरू कर दी है.
इतनी होगी रिफाइनरी की कैपेसिटी
प्रस्तावित पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी में सालाना 90 लाख टन क्रूड ऑयल को रिफाइन करने की कैपेसिटी होगी.ओएनजीसी के लिए प्रयागराज में रिफाइनरी स्थापित करना आसान हो सकता है, क्योंकि बीपीसीएल के पास यहां पहले से लैंड पार्सल है.
इतना ही नहीं कंपनी के लिए ये लोकेशन भी काफी स्ट्रैटेजिक है, क्योंकि यहां से उत्तर भारत में डिस्ट्रीब्यूशन और नेपाल तक कारोबार को बढ़ाने में आसानी होगी.वहीं ये लैंड पार्सल मौजूद होने की वजह से ये लागत को भी बजट के अंदर रखेगा.
इतनी बड़ी क्षमता की रिफाइनरी लगने से प्रयागराज के इलाके में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे. उत्तर प्रदेश के मथुरा में भी एक पेट्रोलियम रिफाइनरी मौजूद है, हालांकि इसका स्वामित्व इंडियन ऑयल के पास है. यहां हर साल 80 लाख टन पेट्रोलियम प्रोडक्ट तैयार होता है. ये रिफाइनरी हजारों लोगों को रोजगार देती है.
भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
भारत इस समय दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है. भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी पर अपना फोकस बढ़ाया है, लेकिन उसका क्रूड ऑयल आयात और पेट्रोलियम कंजप्शन भी बढ़ रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में रिफाइनरी लगाना ओएनजीसी की स्ट्रैटजी के अनुकूल है. कंपनी ने आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों जगह पर ही साइट इवैल्युएशन के लिए अमेरिका की एक कंसल्टेंट कंपनी को हायर किया है.
वैसे साल 2007 में भी बीपीसीएल ने 90 लाख टन प्रति वर्ष की कैपेसिटी वाली एक रिफाइनरी इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में लगाने की योजना बनाई थी. इस पर करीब 9,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना था. इसे 2009 में चालू होना था. बीपीसीएल ने तब इलाहाबाद में उसके पास 2800 एकड़ भूमि होने की जानकारी साझा की थी. इस पूरी जानकारी पर अभी बीपीसीएल या ओएनजीसी की ओर से कोई आधिकारिक कमेंट नहीं किया गया है.

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