UP: भितरघातियों की पहचान हो चुकी है… आखिर किसे विभीषण बता रहे केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर?
लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी के भीतर बहुत कुछ सुलग रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे पता नहीं कब क्या हो जाए. चुनाव में भितरघात की शिकायतें कई जगहों से आई हैं. कई सीटों पर नेता बिना नाम लिए एक दूसरे को कोस रहे हैं. इस तरह की बातें अब तक पार्टी के अंदर ही होती रही हैं, लेकिन मोहनलालगंज से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की ओर से फेसबुक पर किए गए पोस्ट से सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. पोस्ट में उन्होंने विरोधियों पर नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं को विभीषण बताया है.
मोहनलालगंज से बीजेपी प्रत्याशी कौशल किशोर ने सोशल मीडिया के जरिए चुनाव में सहयोग न करने वालों पर निशाना साधा. रविवार को फेसबुक पर उन्होंने भितरघात करने वालों की पहचान होने की बात लिखते हुए अपनी नाराजगी भी जताई. सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा है कि भितरघात करके बहुत खुश होते हैं, लेकिन कोई ऐसे लोगों को पसंद नहीं करता.
‘… लोग अपने बच्चों का नाम विभीषण नहीं रखते’
उन्होंने आगे लिखा, यही वजह है कि लोग अपने बच्चों का नाम विभीषण नहीं रखते. सभी भितरघातियों की पहचान हो चुकी है. कौशल के इस बयान को लेकर अब बीजेपी और क्षेत्र में कयासों का बाजार गर्म हो गया. लोग सवाल करने लगे हैं कि आखिर वो भितरघाती कौन है? कौशल किशोर किसे विभीषण बता रहे हैं? किशोर जिसे विभीषण बता रहे हैं क्या उसने चुनाव में उनका नुकसान किया है?
कौशल किशोर बीजेपी के टिकट पर साल 2014 और 2019 में मोहनलालगंज सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. पिछला चुनाव जीतने के बाद उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था. बीजेपी ने इस बार उन्हें फिर से मोहनलालगंज सीट से मैदान में उतारा है. मोहनलालगंज सीट पर 1998 से 2014 तक समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा. इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इस सीट से आरके चौधरी को टिकट दिया है.
पर्दे के पीछे से खिलाफत
मोहनलालगंज में यह बात सियासी गलियारों में तैर रही है कि पहले तो उनके टिकट को लेकर अड़ंगा लगाया गया. इसके बाद जब पार्टी ने उन्हें मैदान में उतार दिया तो उनके चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया गया. आरोप है कि पार्टी और क्षेत्र में सक्रिय एक वर्ग विशेष के लोगों ने पर्दे के पीछे से खिलाफत जारी रखी. इसका नतीजा हुआ कि चुनाव प्रचार के दौरान कई कार्यक्रमों को अनुमति न मिलने के चलते ऐन मौके पर निरस्त करना पड़ा.
मतदाताओं को भ्रमित किए जाने की आशंका
यही नहीं, मतदान वाले दिन मोहनलालगंज ओर मलिहाबाद समेत आसपास के कई इलाकों में ग्रामीणों को बहला फुसला कर मतदान का बहिष्कार तक करवा दिया गया. चर्चा यह भी है कि टीम को मतदान से पहले और मतदान के दौरान बीजेपी समर्थक मतदाताओं को भ्रमित किए जाने की भी आशंका है.
कौशल किशोर ने कहा है कि मोहनलालगंज सीट से बीजेपी जीत रही है. फेसबुक पर मैंने जो लिखा है, उसपर मैं कायम हूं, लेकिन अभी मैं किसी का नाम नहीं बता सकता. ऐसे लोगों की पहचान हो चुकी है. नतीजे आने के बाद ऐसे लोगों के चेहरे पर से मुखौटा हटाया जाएगा.