UP: CM योगी की पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात, ‘हम साथ साथ हैं’ का दे रहे संदेश

विधानसभा की बैठक शुरू होने से पहले योगी आदित्यनाथ अपना होम वर्क पूरा करने के एजेंडा पर हैं. ये एजेंडा है यूपी सरकार में सब कुछ ठीक है. जनता को बताना है कि हम साथ साथ हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी विधायकों और बीजेपी नेताओं का जोश हाई है. इसीलिए सीएम योगी आदित्यनाथ हर दिन पार्टी नेताओं से लगातार मिलते रहते हैं. उन पर इस तरह के आरोप लगते थे कि वे अपने ही पार्टी के नेताओं से बहुत कम मिलते हैं. लेकिन अब तो वे मिलते हैं और साथ में फोटो भी क्लिक करवाते हैं. सोशल मीडिया पर हर दिन मुलाकात की तस्वीरें भी पोस्ट की जाती हैं.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों कुछ खास इलाके के जन प्रतिनिधियों को एक साथ बुलाते हैं. कभी लंच करते हैं तो कभी डिनर. फिर सबसे विस्तार से बात करते हैं. लोकसभा चुनाव के रिज़ल्ट से लेकर तीन साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों तक पर चर्चा होती है. वे ये बैठकें मंडलवार कर रहे हैं. मतलब एक मंडल के सभी विधायकों और सांसदों को एक साथ मीटिंग के लिए बुलाया जाता है. बुधवार को सीएम योगी ने बरेली और मुरादाबाद मंडल के बीजेपी नेताओं संग बैठक की.
मुरादाबाद मंडल में खुला बीजेपी का खाता
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी मुरादाबाद मंडल की सभी सीटें हार गई थीं. लेकिन इस बार बीजेपी ने अपना खाता खोल लिया. मुरादाबाद मंडल में लोकसभा की तीन सीटें रामपुर, संभल.और मुरादाबाद समाजवादी पार्टी ने जीत ली. बीजेपी ने अमरोहा में जीत दर्ज की. उसकी सहयोगी पार्टी आरएलडी के हिस्से में बिजनौर आई. जबकि नगीना से चंद्रशेखर रावण जीत गए.
पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह
योगी आदित्यनाथ के पास हर विधानसभा सीट के हिसाब से वोटों का रिकार्ड था. जिन विधायकों के क्षेत्र में इस बार कम वोट मिले, उनसे इसके कारण पूछे. सीएम योगी अपने हिसाब से पार्टी के ख़राब प्रदर्शन की वजहें तलाश रहे हैं. इसी तरह उन्होंने बरेली मंडल के विधायकों और सांसदों से भी बातचीत की. बीजेपी बरेली जीत गई तो आंवला सीट हार गई. आख़िर क्यों ! योगी ने इसकी जानकारी ली.
दस सीटों पर होने हैं उप चुनाव
यूपी में विधानसभा की दस सीटों पर उप चुनाव होने हैं. इनमें संभल की कुंदरकी सीट भी है. इस विधानसभा क्षेत्र में 62 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं. सीएम योगी ने बैठक में मौजूद नेताओं से पूछा ऐसे में कैसे चुनाव जीता जाए. उप चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. इस चुनाव के हार जीत से योगी सरकार की क़िस्मत जुटी है. लोकसभा चुनाव के बाद से ही यूपी बीजेपी में घमासान मचा है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार बनाम संगठन की लड़ाई छेड़ दी है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ विधायकों और सांसदों से मिल कर अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने में जुटे हैं.

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