UP: यूपी में केमिकल के रंगो से नहीं मनाई जाएगी होली, गाय के गोबर से तैयार होगा नेचुरल रंग

उत्तर प्रदेश के जनपद अमेठी में महिलाएं गाय के गोबर से गुलाल और रंग बना रही हैं. पूरे जनपद में इसकी डिमांड काफी बढ़ गई है. महिलाएं पालक और चुकंदर के रस को निकालकर उसमें गाय का सूखा गोबर मिलकर नेचुरल रंग तैयार कर रही हैं. महिलाओं का दावा है यह पूरी तरह से सुरक्षित है. इसके इस्तेमाल से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा.

जनपद के विकास खंड भादर के भावापुर गांव की स्वयं सहायता समूह की लगभग 20 से अधिक महिलाएं मिलकर देसी गाय के गोबर को सुखाने के बाद उसका राख तैयार करती हैं फिर उसमें राख में फल और सब्जी के जूस को मिलाकर शुद्ध नेचुरल रंग और गुलाल बनाती हैं. होली के त्योहार को देखते ही हुए इन रंगों की डिमांड काफी बढ़ी है. यह महिलाएं दिल्ली, आगरा, मथुरा, में नेचुरल गुलाल और रंग की सप्लाई कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि इससे वो आत्मनिर्भर भी हो रही हैं.

गाय के गोबर से तैयार होगा नेचुरल रंग 

काशी में गुलाल के बजाय चिता की भस्म से क्यों खेलते हैं होली? जानें
वहीं, एनआरएलएम और खंड विकास अधिकारी के प्रयास से लोगों तक होली के त्योहार पर नेचुरल रंग और शुद्ध गुलाल को पहुंचाने के लिए जगह-जगह स्टाल लगाए जाने की तैयारी है. महिला संजू यादव ने बताया कि वो देसी गाय के गोबर से गुलाल बना रही हैं, गाय के गोबर को हम लोग सुखाकर उसे जलाकर राख बनाते हैं फिर पालक से हरा रंग और चुकंदर से लाल रंग बनाकर तैयार करते हैं. यह रंग किसी तरह नुकसान नहीं करता है और हम लगभग 20 से अधिक लोग मिलकर यह काम कर रहे हैं.

महिलाओं को आर्थिक रूप से हो रहा है फायदा

खंड विकास अधिकारी इंद्रावती वर्मा ने बताया कि इस समूह को आगे बढ़ाने के लिए इनके गुलाल और रंग का स्टाल ब्लॉक सहित जिला में लगवाए जाएंगे. यह बहुत ही अच्छा काम है इस बार होली से पहले इनके गुलाल और रंग को लोगो तक स्टाल लगाकर पहुंचाया जाएगा.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *