UP News : यूपी में योगी सरकार बसाएगी 250 हेक्टेयर में नए शहर, जानिए पूरा मास्टर प्लान
राज्य सरकार मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना में 10 से लेकर 250 हेक्टेयर में नया शहर बसाएगी। इस योजना के तहत शुरू हुए नए शहर प्रोत्साहन योजना में विकास प्राधिकरणों को जमीन लेने के लिए पैसा दिया जाएगा जिससे वे योजनाएं लाकर लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा कर सकें।
प्राधिकरणों के पर जमीन नहीं
प्रदेश के अधिकतर विकास प्राधिकरणों के पास जमीन नहीं है। बागपत, बस्ती, बुलंदशहर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, रामपुर, चित्रकूट और कपिलवस्तु जैसे 10 विकास प्राधिकरणों के पास भूमि बैंक ही नहीं है।
बड़े विकास प्राधिकरणों का भी बुरा हाल है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना शुरू की गई है। इस योजना में विकास प्राधिकरणों को शहरों को विस्तारित करते हुए नई योजनाएं लाने के लिए जमीन लेने पर आवास विभाग पैसे देगा। विकास प्राधिकरणों को इसके लिए शासन को प्रस्ताव उपलब्ध कराना होगा।
जमीन लेने का मानक तय
आवास विभाग ने कैबिनेट के माध्यम से पैसे देने का मानक तो तय करा दिया था, लेकिन जमीन लेने का मानक तय नहीं हुआ था।
अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सहमति बन गई है। इसमें तय किया गया है कि इस योजना में छोटे विकास प्राधिकरण जरूरत के आधार पर 10 हेक्टेयर और बड़े 200 से 250 हेक्टयेर जमीन अर्जित कर योजना ला सकेंगे।
उन्हें जमीन चिह्नित करते हुए उसे लेना का प्रस्ताव शासन को भेजना होगा। इसमें बताना होगा कि जमीन लेने पर कितना खर्च आएगा और इस योजना से कितने लोगों को फायदा होगा।
अवैध कालोनियों पर लगेगी रोक
शासन का मानना है कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना से शहरों में बस रही अवैध कालोनियों पर रोक लगेगी। प्रापर्टी डीलरों द्वारा अवैध तरीके से की जाने वाली प्लाटिंग रुकेगी।
विकास प्राधिकरण शहर से सटे हुए क्षेत्रों में किसानों से सीधे जमीनें खरीदेंगे और उस पर आवासीय योजनाएं लागेंगे। इससे शहरों के सुनियोजित विकास का रास्ता साफ होगा। विकास प्राधिकरणों द्वारा आवासीय योजनाएं न लाने की वजह से लोगों को जरूरत के आधार पर जमीनें नहीं मिल पा रही हैं।