UP Politics: जयंत चौधरी के कारण बढ़ी उलझन, बिगड़ सकता है BJP और सपा का खेल, मुश्किल होगी दोनों गठबंधन की राह
राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय सेठ ने गुरुवार को अपना नामांकन पर्चा भरा है. भाजपा ने राज्यसभा की 10 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में अपना आठवां प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. इससे पहले बुधवार को भाजपा के सात उम्मीदवारों ने राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया था. हालांकि इन सबके बीच में आरएलडी चीफ के बयान ने असमंजय की स्थिति खड़ी कर दी है.
यूपी कोटे की राज्यसभा की 10 सीटें खाली हुईं थीं, ऐसे में वोटिंग की जरूरत नहीं थी. लेकिन, अचानक भाजपा ने संजय सेठ को अपना उम्मीदवार बना दिया है, जिसके बाद अब वोटिंग की जरूरत है. संजय सेठ सपा का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आए हैं. इस स्थिति में सपा के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर अपनी ही पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. लेकिन इन सबके बीच जयंत चौधरी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
बयान के पीछे कई सवाल खड़े
जब गुरुवार को मीडिया ने दिल्ली में जयंत चौधरी से सवाल किया कि क्या उनके विधायक राज्यसभा चुनाव में एनडीए के लिए वोट करेंगे. तब उन्होंने जो जवाब दिया और चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा. ‘RLD का हर विधायक अपने पार्टी के साथ खड़ा है.’ लेकिन उन्होंने इस बयान के पीछे कई सवाल खड़े कर दिए. आरएलडी चीफ ने स्पष्ट नहीं किया है कि उनके विधायक इस राज्यसभा चुनाव में किस गठबंधन के उम्मीदवार को वोट देंगे.
ऐसे में उन्होंने बीजेपी के अलावा सपा गठबंधन को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल, अभी बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के बाद 279 विधायक हैं. अगर आरएलडी समर्थन करेगी तो उसके पास कुल 288 विधायक होंगे. इसके बाद बीजेपी के उम्मीदवार संजय सेठ को जितने के लिए और आठ विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी. हालांकि ये सब समीकरण तब बैठेंगे जब जयंत चौधरी के विधायक बीजेपी के समर्थन में वोट करें.