UP Weather Update: यूपी में 7 जनवरी तक ऐसा रहेगा मौसम, बढ़ती सर्दी के कारण चलेगी शीतलहर
उत्तर प्रदेश इन दिनों शीत लहर की चपेट में है. बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में हुई बारिश के चलते कोहरा और भी ज्यादा घना हो गया है. वही बढ़ती गलन के चलते शीतलहर की स्थिति पैदा हो गई है.
प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के ज्यादातर जिले इन दिनों शीत लहर की चपेट में है. पश्चिम उत्तर प्रदेश की मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मुजफ्फरनगर प्रदेश का सबसे ठंडा जिला दर्ज किया गया है.
यहां का न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस रहा. इसके अलावा भी आगरा, अलीगढ़ ,मथुरा का न्यूनतम तापमान भी 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया. घने कोहरे के चलते दृश्यता 10 मीटर रह गई है.
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक 7 जनवरी तक लोगों को ठंड से किसी भी तरीके की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. वहीं गुरुवार और शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश भी हो सकती है.
7 जनवरी तक ऐसा रहेगा प्रदेश का मौसम
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 5 और 6 जनवरी को प्रदेश के कई हिस्सों में गरज चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कोल्ड डे रहेगा यानी धूप नहीं निकलेगी.
6 और 7 जनवरी को सर्दी का सितम और भी ज्यादा लोगों को सताएगा. वहीं 8 और 9 जनवरी को प्रदेश में एक या दो जगह पर बारिश होने की संभावना जताई गई है.
मुजफ्फरनगर रहा प्रदेश का सबसे ठंडा जिला
उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर प्रदेश का सबसे ठंडा जिला दर्ज किया गया है. यहां का न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री सेल्सियस रहा. बीते 24 घंटे के दौरान बरेली और आगरा मंडल में दिन के तापमान में कमी दर्ज की गई है.
हल्की बारिश की वजह से ठंड का असर और भी ज्यादा बढ़ गया है. लखनऊ, मेरठ ,आगरा ,अलीगढ़ मंडलों में दिन में धूप नहीं निकली जिसके चलते कड़ाके की सर्दी का सामना लोगों को करना पड़ा.
मुरादाबाद मंडल के रामपुर, अमरोहा, संभल जिलों में ठंड का सितम और बढ़ गया है. मुरादाबाद मंडल के सभी जिलों में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया जबकि अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहा.
बारिश से इन फसलों को होगा बड़ा फायदा
प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में बुधवार को बारिश हुई. वहीं उन्नाव जनपद में ओलावृष्टि भी हुई. बरसात से रबी की सभी फसलों को फायदा होगा. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश से किसानों को एक सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी
क्योंकि विलंब से बोए गए गेहूं में यह वर्षा सिंचाई का काम करेगी जबकि पहले बोये गए गेहूं के लिए भी यह बारिश फायदेमंद साबित होगी. गेहूं के साथ दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए यह बारिश ज्यादा फायदा देगी.
आलू समेत अन्य सब्जियों को भी से फायदा होगा. वहीं किसानों को पहले से अपनी फसलों को बचाने के लिए सलाह भी दी गई है. किसान वह इस दौरान अपने खेतों की ज्यादा सिंचाई न करें. वे खेतों में हल्की नमी बनाए रखें.