US का ईरान पर एक्शन, जिससे होती है सबसे ज्यादा कमाई उसी पर पहुंचाई चोट

अमेरिका ने एक बार फिर ईरान के ऊपर प्रतिबंध बढ़ा दिए हैं. नए सैंक्शन ईरान के इजराइल पर मिसाइल अटैक के जवाब में हुआ है. इस कदम का मकसद ईरान के लिए ऑयल एक्सपोर्ट को और कठिन बनाना है, जो देश की खराब अर्थव्यवस्था के लिए फॉरेन रिजर्व का अब तक का सबसे बड़ा स्रोत है.
नए प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए ट्रेजरी के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने कहा, “ईरान की ओर से 1 अक्टूबर को इजराइल पर किए गए हमले के जवाब में नए प्रतिबंध लगाए गए है, क्योंकि इस साल में इजराइल पर ईरान का ये दूसरा सीधा हमला है.”
क्या है प्रतिबंधों का लक्ष्य?
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “आज के प्रतिबंधों का लक्ष्य ईरान के ऊर्जा उद्योग से गलत और विनाशकारी गतिविधियों को मिलने वाली मदद पर रोक लगाना है. जिसमें उसके परमाणु कार्यक्रम का विकास, बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन बनाना और क्षेत्रीय आतंकवादी प्रॉक्सी को समर्थन शामिल है.”
ट्रेजरी के बयान में कहा गया है कि नए प्रतिबंधों का लक्ष्य ईरान के प्रतिबंधित तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की शिपिंग में शामिल 10 संस्थाएं और 17 जहाज हैं. इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरानी तेल के परिवहन और बिक्री में शामिल छह संस्थाओं और छह जहाजों पर भी प्रतिबंध लगाया है.
ईरान का इजराइल पर हमला?
एक अक्टूबर को ईरान इजराइल 180 से ज्यादा मिसाइल दागे थे. ईरान का कहना था कि उसने ये हमला अपने और प्रॉक्सी नेताओं की हत्याओं के बदले किया है. ईरान ने इससे पहले अप्रैल में भी इजराइल पर ऐसा ही हमला किया था, लेकिन इस हमले से क्षेत्र में खतरा और ज्यादा बढ़ गया है. क्योंकि IRGC ने दावा किया है कि उसका ये हमला 90 फीसद कामयाब रहा और उसने इजराइल सेना के 20 लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए हैं. वहीं इजराइल ने बार-बार इस हमले का बदला लेने की बात कही है.

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