US बना रहा अंडरवाटर जासूसी ड्रोन Manta Ray, सैटेलाइट तस्वीरों से खौफ में दुनिया
अमेरिकी नौसेना की मंटा रे नाम की अंडरवाटर ड्रोन को हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों की मदद से कैलिफोर्निया के पोर्ट ह्यूनेमे नौसैनिक अड्डे पर देखा गया. हालांकि जैसे ही इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये गायब हो गया और उसकी जगह नावों ने ले ली. ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी नौसेना अंदर ही अंदर कुछ बड़ा करने वाली है.
मंटा रे अमेरिकी नौसेना का एक ऐसा ड्रोन है जो समुद्र के अंदर वहां तक जाएगा, जहां पर इंसान भी नहीं जा सकता है. ये एक मानवरहित अंडरवाटर ड्रोन (UVV) है. नौसेना इसका प्रयोग समंदर के अंदर जासूसी, रिसर्च, खोज समेत कई अन्य जरूरी कामों में कर सकती है. इससे पहले भी मंटा रे की कुछ तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं. हालांकि अभी तक ये अंदाजा नहीं लगाया जा सका है कि ये कितना बड़ा है. वहीं DARPA की ओर से कहा गया कि बड़े आकार के बावजूद इसे आसानी से दूसरी जगह पर भेजा और निकाला जा सकता है.
बढ़ाई रूस और चीन की मुसीबत
अमेरिका नौसेना पिछले कुछ महीनों से इसका परीक्षण कर रही है, लेकिन अभी तक इसे सेवा में शामिल नहीं किया गया है.रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के इस तरह की ड्रोन तकनीक विकसित करने के पीछे रूस और चीन के पनडुब्बी अभियानों का मुकाबला करना है. यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच, रूस पानी के नीचे ड्रोन भी विकसित कर रहा है. जानकारी के मुताबिक रूसी ड्रोन की रेंज 6,200 मील है, वे परमाणु हथियारों से लैस हो सकते हैं और 100 नॉट (115 मील प्रति घंटे) तक की गति तक पहुँच सकते हैं. ऐसे में अमेरिका का ये ड्रोन रूस के लिए घातक साबित हो सकता है. वहीं अमेरिका के लिए प्रशांत महासागर में सबसे बड़ा खतरा चीन है. एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन भी UUVs बनाने में जुटा है.
मंटा रे क्या है?
मंटा रे एक अंडरवाटर ड्रोन है जिसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने अमेरिकी नौसेना के लिए डिजाइन किया है. इसका नाम कार्टिलेजिनस मछली के नाम पर रखा गया है. वहीं इसकी डिजाइन को समुद्री मछली मांटा रे से लिया गया है. यह एक सबमरीन ड्रोन है जो कि लंबे समय तक बिना रिफ्यूलिंग के पानी के अंदर रह सकता है. इसके अलावा इसमें ऐसे सेंसर लगे हैं जिनके जरिए समुद्र के अंदर खतरे को पहचाना जा सकता है. मंटा रे परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. डिवाइस की रेंज 10,000 किमी तक, स्पीड 190 किमी/घंटा तक है.इसके अलावा यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस है. इसमें कई तरह के पेलोड लगाकर इसे कई तरह के मिशन पर भेज सकते हैं.