अमेरिका, ब्रिटेन की सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर किए हमले
अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक दर्जन से अधिक स्थलों पर बृहस्पतिवार को बमबारी की। इनमें साजो सामान रखने वाले स्थान, हवाई रक्षा प्रणाली और हथियार भंडारण वाले स्थान शामिल हैं।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हमलों का उद्देश्य यह स्पष्ट करना हैकि अमेरिका और उसके सहयोगी लाल सागर में आतंकवादी समूह के हमलों को ‘बर्दाश्त नहीं करेंगे’। बाइडन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने पूरी तरह सोच समझ कर यह कदम उठाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘‘ये हमले लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमलों के बदले में किए गए हैं।
विद्रोहियों के हमलों ने अमेरिकी कर्मियों, नागरिकों और हमारे साझेदारों को खतरे में डाल दिया है, व्यापार को खतरे में डाला है और नौवहन की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है।’
यमन की राजधानी सना में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने शुक्रवार को तड़के चार विस्फोटों की आवाज सुनी। होदेइदा के दो निवासियों, अमीन अली सालेह और हानी अहमद ने कहा कि उन्होंने शहर के पश्चिमी बंदरगाह क्षेत्र में पांच जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी। इस बंदरगाह शहर में हूती विद्रोहियों का कब्जा है। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने सना के दक्षिण में स्थित शहर ताइज और धामार में हमले देखे।
मंगलवार को हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में नौकाओं को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइलों की झड़ी लगा दी।
इन हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन के जहाजों तथा अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने 18 ड्रोन, दो क्रूज मिसाइलों और एक जहाज-रोधी मिसाइल को मार गिराया।
हूती विद्रोहियों ने बृहस्पतिवार को भी अदन की खाड़ी में एक बैलेस्टिक मिसाइल दागी। हालांकि कोई पोत इसकी जद में नहीं आया।
पत्रकारों के साथ बातचीत में बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार के हमलों के बाद, बाइडन ने राष्ट्रीय सुरक्षा टीम की बैठक की और जवाबी प्रतिक्रिया पर विचार विमर्श किया।
अधिकारियों ने कहा कि इसके बाद राष्ट्रपति ने रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को जवाबी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। ऑस्टिन की प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी हुई है और वे फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ‘रॉयल एयर फोर्स’ ने हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ लक्षित हमले किए।
सुनक ने कहा कि आतंकवादियों ने नौकाओं पर अनेक खतरनाक हमले किए हैं और ‘‘इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’’
सुनक ने कहा, ‘‘ब्रिटेन ने अमेरिका के साथ आत्मरक्षा में सीमित, आवश्यक और संतुलित कार्रवाई की। नीदरलैंड, कनाडा और बहरीन ने अभियानगत सहायता नहीं की।’’
वहीं ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया की सरकारों ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिलकर एक बयान जारी किया। बयान के अनुसार, इस कार्रवाई का उद्देश्य तनाव कम करना और लाल सागर में स्थिरता बहाल करना है, लेकिन सहयोगी देश महत्वपूर्ण जलमार्ग में जिंदगियों की और कारोबार की रक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे।
वहीं हूती के शीर्ष अधिकारी अली अल काहौम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘युद्ध बड़ा होगा… और अमेरिका तथा ब्रिटेन की कल्पना से परे होगा।