US Election 2024: बाइडेन को क्या अब चुनाव से हटाया जा सकता है? आसान भाषा में समझिए
अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. सबसे ज्यादा चर्चा उनकी उम्मीदवारी को लेकर है. प्रेसीडेंशियल डिबेट में ट्रंप से पिछड़ने के बाद उनकी अपनी पार्टी डेमोक्रेटिक में उनका विरोध हो रहा है. प्रेसीडेंट के पद पर डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.
ट्रंप के साथ प्रेसीडेंशियल बहस के दौरान बाइडेन पिछड़ते नजर आए थे. यह बाइडेन के लिए चिंता करने वाली बात इसलिए थी, क्योंकि ट्रंप से बहस में उनका लक्ष्य अपनी उम्र को लेकर उठ रहे सवालों को शांत करना था, लेकिन हुआ इससे बिल्कल उलट. अब डेमोक्रेटिक नेताओं की ओर से ही ये कहा जाने लगा है कि 81 वर्षीय बाइडेन को उम्मीदवारी छोड़ देनी चाहिए. हालांकि बाइडेन अभी भी अपनी उम्मीदवारी के प्रति आश्वस्त हैं. उन्होंने अभी तक पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर बाइडेन न चाहें तो क्या उन्हें राष्ट्रपति की उम्मीदवारी से हटाया जा सकता है?
कैसे तय होती है राष्ट्रपति की उम्मीदवारी?
पहले ये समझते हैं कि आखिर किस बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेटिक अपनी ओर से राष्ट्रपति का उम्मीदवार कैसे तय करती है. दरअसल इसके लिए पार्टी का नेशनल कन्वेंशन होता है. इस साल यह 19 से 22 अगस्त तक शिकागो में आयोजित किया जाएगा. इसी कन्वेंशन के दौरान पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के नाम की आधिकारिक घोषणा की जाएगी. इसके लिए प्रक्रिया पहले से शुरू हो जाती है. राष्ट्रपति पद के लिए खुद को उम्मीदवार बताने वाले शख्स को डेलीगेट्स यानी अन्य स्टेट से चुनकर आए नेताओं का समर्थन हासिल करना होता है. जिस उम्मीदवार को इन डेलीगेट्स के ज्यादा मत मिलते हैं वहीं राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
तो क्या बाइडेन को हटाया जा सकता है?
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडेन राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं. वह अब तक तकरीबन 4 हजार प्रतिनिधियों में से 99 प्रतिशत को अपने पक्ष में कर चुके हैं. ऐसे में ये तय है कि आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए उनके नाम का ही ऐलान किया जाएगा. डीएनसी यानी डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के नियमों के मुताबिक जो डेलीगेट्स बाइडेन के प्रति अपना समर्थन जता चुके हैं. वह उनका नामांकन में समर्थन करने के लिए बाध्य हैं. इसका सीधा सा अर्थ ये है कि डेमोक्रेटिक पार्टी चाहे भी तो बाइडेन को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से नहीं हटा सकती.
फिर विकल्प क्या हैं?
डेमोक्रेटिक पार्टी बाइडेन को उम्मीदवारी से नहीं हटा सकती. हालांकि वह उन पर हटने के लिए दबाव जरूर बना सकती है. यानी अगर बाइडेन खुद चाहें तो राष्ट्रपति चुनाव से हट सकते हैं. यदि वह ऐसा करते हैं तो अन्य उम्मीदवारों के लिए विकल्प खुल जाते हैं. इसके अलावा दूसरा विकल्प डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन का एक नियम है, इसके मुताबिक प्रतिनिधियों को जनता की भावनाओं का ध्यान रखना है. ऐसे में यदि देश की जनता बाइडेन के खिलाफ हो जाए तो प्रतिनिधि किसी और उम्मीदवार की तलाश कर सकती हैं. हालांकि अमेरिकी चुनाव के इतिहास में आज तक कभी ऐसा हुआ नहीं है.
डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडेन प्रेसीडेंशियल डिबेट के दौरान.
अभी भी रेस में हैं बाइडेन
बाइडेन के पास अभी भी मौका है कि वह डेमोक्रेटिक नेताओं के सामने खुद को सिद्ध कर सकें. गुरुवार को व्हाइट हाउस में 4 जुलाई को वार्षिक स्वतंत्रा दिवस समारोह में वह मेजबानी करेंगे. अगले दिन एबीसी न्यूज पर उनका एक साक्षात्कार होना है. इसके बाद अपने समर्थकों के साथ विस्कॉन्सिन भी जाएंगे. रविवार को वह अपनी पत्नी के साथ एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और अगले सप्ताह वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन में दुनिया के नेताओं की मेजबानी करेंगे. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन के इन कार्यक्रमों पर नजर रखी जा रही है. अगर पर एबीसी साक्षात्कार में चूक जाते हैं तो फिर डेमोक्रेटिक की ओर से उन पर पीछे हटने का दबाव बनाया जा सकता है.
पीछे हटे बाइडेन तो कौन लेगा जगह?
बाइडेन अगर चुनाव अभियान से पीछे हटे तो उनकी जगह उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ले सकती हैं. अमेरिका की जनता और डेमोक्रेटिक नेता उन्हें पहली पसंद बता रहे हैं. हालांकि रॉयटर्स के एक सर्वे में ये भी सामने आया है कि बाइडेन की जगह लोग मिशेल ओबामा को देखना पसंद कर सकते हैं. कमला हैरिस और मिशेन के अलावा भी कई ऐसे नाम हैं जो इस रेस में हैं. इसके अलावा गेविन न्यूसम, जेबी प्रित्जकर और ग्रेजेन व्हिटमर भी इस रेस में शामिल हैं.
बाइडेन का क्या है कहना?
ट्रंप के साथ अपनी खराब बहस के बारे में बाइडेन का कहना है कि मेरी बहस खराब नहीं रही. पूछे जाने पर बाइडेन ने कहा कि यह याद रखना चाहिए कि मैंने राष्ट्रपति के तौर पर काम किया है. उन्होंने अश्वेत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए फंडिंग से लेकर छात्र ऋण तक आंकड़े बताए. उन्होंने ट्रंप के बारे में कहा कि वह एक सजायाफ्ता अपराधी है. जो ये ऐलान कर चुका है कि वह तानाशाह बनना चाहता है. यह कोई मजाक नहीं है.