US President Election: जिसने हिटलर और बेवकूफ कहा, ट्रंप ने उसी को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों बनाया? Inside Story
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव में उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार ऐसे शख्स को बनाया, जिसने उनकी जिंदगी भर आलोचना की. सिर्फ आलोचना नहीं बल्कि ‘बेेवकूफ’ और अमेरिका का हिटलर तक कह दिया. खासतौर से 2021 तक ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस को ट्रंप का बड़ा आलोचक माना जाता था. बस एक मुलाकात के बाद उनके स्वर ऐसे बदले कि अब वह ट्रंप के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने जेडी वेंस को उप राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है. अमेरिका में एक लेखक के तौर पर विख्यात जेडी वेंस का ये सफर आसान नहीं था. इस मुश्किल की शुरुआत ट्रंप के साथ उस बैठक से हुई थी, जो तकरीबन दो घंटे तक चली थी. ऐसा कहा जाता है कि 2021 में जीडी वेंस और ट्रंप के बीच हुई यह बैठक बिल्कुल भी अच्छी नहीं रही थी, लेकिन इसमें दो विरोधियों के एक होने का रास्ता खुल गया था.
क्या हुआ था उस बैठक में?
अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर अपना कार्यकाल खत्म करने के कुछ महीनों बाद ही डोनाल्ड ट्रंप ने जेडी वेंस से अपने ऑफिस में मुलाकात की थी. NYT की एक रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2021 में मार ए लोगो स्थित ऑफिस में जब जेडी पहुंचे थे तो उन्होंने ट्रंप के सामने कागजों का ढेर देखा था. जो असल में उन आलोचनाओं और बातों का प्रिंटआउट था जो जेडी वेंस ने ट्रंप के लिए कहीं थीं. इनमें ट्रंप को झूठे वादे करने वाला भी कहा गया था. जब वेंस ऑफिस में दाखिल हुए तो ट्रंप ने कहा कि आपने मेरे बारे में बहुत ही घटियां बातें लिखी हैं.
वेंस को थी ट्रंप के समर्थन की जरूरत
जेडी वेंस को ये उम्मीद थी कि ट्रंप कुछ ऐसा ही कहेंगे. हालांकि वह ऐसा चाहते नहीं थे. जेडी वेंस चाहते थे कि वह खुले दिमाग के साथ बैठक से बाहर निकलें, क्योंकि उन्हें ट्रंप का समर्थन चाहिए था, क्योंकि वे ओहियो में खुली अमेरिकी सीट के लिए चुनाव लड़ रहे थे. वेंस ने माफी मांगी और ट्रंप से खेद जताया. ट्रंप ने कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए था. वह बैठक दो घंटे चली थी. ट्रंप ने उस बैठक की समाप्ति वेंस से पूछकर की थी कि वे क्या चाहते हैं? न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने जेडी वेंस से ये भी कहा था कि उनके अलावा भी कई उम्मीदवार ऐसे हैं जो समर्थन की भीख मांग रहे हैं. क्या वह भी समर्थन चाहते हैं. इस पर वेंस ने कहा था कि हां वो समर्थन चाहते हैं.
ऐसे बदला ट्रंप का मन
जेडी वेंस ने जब सीनेट में अभियान की शुरुआत की और अपने विरोधियों को पछाड़ना शुरू किया तो ट्रंप का मन बदलने लगा. वेंस ने डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि टिम रयान को हराकर चुनाव जीता और धीरे-धीरे ट्रंप के बड़े समर्थक बन गए. जब ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान का ऐलान किया तो वेंस ने ट्रंप का पूरा साथ दिया. मैन हट्टन आपराधिक मुकदमे में भी वेंस ने ट्रंप का खुलकर समर्थन किया. अब वे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं.
अब बने ट्रंप की ताकत
जेडी वेंस अब उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, वे ट्रंप के लिए बड़ी ताकत बन सकते हैं. इस कारण है युवा वर्ग में उनकी लोकप्रियता. दरअसल जेडी वेंस ने हिलबिली एलेजी किताब लिखी है जो अमेरिका में बहुत पसंद की जाती है. इस कारण युवा जेडी वेंस से बहुत प्रभावित है. वह ओहियो के सीनेटर भी हैं, लिहाजा एक प्रतिनिधि के तौर पर वह ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर उम्मीदवारी के भी प्रबल समर्थक हैं. 39 वर्ष के जेडी वेंस अमेरिका की राजनीति में एक उभरते चेहरे भी हैं, लिहाजा ट्रंप को ये उम्मीद है कि चुनाव में उनके नाम से बहुत फायदा मिल सकता है. यही वजह रही कि उप राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए 19 लोगों की रेस में से जेडी वेंस का नाम ही ट्रंप की जुबां पर सबसे पहले आया.