खलनायकों के खलनायक हैं प्रेम चोपड़ा, इन 10 आइकॉनिक डायलॉग्स से आज भी कायम है जलवा
प्रेम चोपड़ा को बॉलीवुड का खतरनाक और खूंखार विलेन कहना गलत नहीं होगा. बॉबी, मर्द और दो रास्ते जैसी फिल्मों में उनके नेगेटिव किरदार ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. प्रेम चोपड़ा अपने 60 साल के करियर में अब तक 380 फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिसमें से ज्यादात्तर फिल्मों में उन्होंने विलेन का किरदार निभाया वहीं पसंद भी किया गया. हालांकि एनिमल मूवी में उनकी किरदार नहीं था. लेकिन फैंस का प्यार जरुर मिला. इसी लिए आज हम आपके लिए प्रेम चोपड़ा के 10 ऐसे डायलॉग लेकर आए हैं, जिन्हें आज भी दर्शक सुनकर डर जाते हैं. बॉबी फिल्म के डायलॉग प्रेम नाम है मेरा… प्रेम चोपड़ा ने फैंस के दिलों में ऐसी जगह बनाई कि आजतक कोई नहीं भूल पाया.
मैं वो बला हूं, जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूं…. 1983 में आई फिल्म सौतन के इस डायलॉग ने लोगों के दिलों में विलेन के लिए खौफ पैदा कर दिया था.
जिनके घर शीशे के होते हैं, वो बत्ती बुझाकर कपड़े बदलते हैं… प्रेम चोपड़ा के टाइमलेस डायलॉग ने फैंस को हैरान कर दिया.कर भला तो हो भला… राजा बाबू फिल्म में विलेन के किरदार को एक खास पहचान बनाई. बात जब अपनी मौत पर आती है ना, तो सारी खिड़कियां खुल जाती हैं… 1990 में आई फिल्म दूध का कर्जा के इस डायलॉग में प्रेम चोपड़ा ने जान डाल दी थी.
मैं जो आग लगाता हूं, उसे बुझाना भी जानता हूं… 1970 की कटी पतंग में प्रेम चोपड़ा के इस डायलॉग को सुन आशा पारेख की आंखों में भी आंसू आ गए थे.
अगर अपोजिशन जनता को भाषण देती है, तो हम जनता को राशन देंगे… 1992 की खिलाड़ी में प्रेम चोपड़ा रियल हीरो बन गए थे.