Vinesh Phogat Decision Live Updates: विनेश फोगाट की किस्मत का फैसला कुछ देर में, क्या मिलेगा सिल्वर मेडल?

विश्व कुश्ती के इतिहास में आज यानी मंगलवार 13 अगस्त का दिन बेहद अहम और ऐतिहासिक होने वाला है. पेरिस में आज कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स यानी सीएएस (CAS) भारत की दिग्गज कुश्ती पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर फैसला सुनाएगा, जिससे ये तय होगा कि विनेश को पेरिस ओलंपिक 2024 का सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं. विनेश को वजन ज्यादा होने के कारण फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था और वो मेडल से चूक गई थीं. विनेश ने इसके खिलाफ अपील की थी और अब इस पर फैसला आना है. आज के फैसले से ये भी तय होगा कि क्या वजन नापने को लेकर यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के मौजूदा नियम बने रहेंगे या उनमें बदलाव की शुरुआत होगी. अगर फैसला विनेश के पक्ष में आया तो ये कुश्ती के लिए क्रांतिकारी हो सकता है, जिससे UWW को नियम बदलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
क्या है मामला?
पिछले करीब एक हफ्ते से देश-दुनिया की मीडिया और सोशल मीडिया पर ये मुद्दा छाया हुआ है. इसकी शुरुआत 6 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में हुई थी. उस दिन महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में विनेश फोगाट ने पहले ही राउंड में जापान की वर्ल्ड नंबर-1 युई सुसाकी को हराकर तहलका मचा दिया था. इसके बाद विनेश ने अपना क्वार्टर फाइनल मैच भी आसानी से जीता और शाम को क्यूबा की गुजमैन लोपेज को सेमीफाइनल में हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. वो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं थी. इसके साथ ही उनका मेडल भी पक्का हो गया था, जो गोल्ड भी हो सकता था और कम से कम सिल्वर मेडल तो तय ही था.
फिर अगले दिन यानी 7 अगस्त को फाइनल होना था लेकिन फाइनल से पहले नियम के मुताबिक सुबह फिर से वजन नापा जाना था. यहीं पर विनेश का वजन तय 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और UWW के नियमों के मुताबिक उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए फाइनल से बाहर कर दिया गया. UWW के नियम इतने कठोर हैं कि सिर्फ फाइनल ही नहीं, बल्कि पूरे इवेंट से ही उन्हें बाहर करते हुए उनके सारे नतीजे भी रद्द कर दिए गए और संभावित सिल्वर मेडल भी छीन लिया गया. उन्हें 12 पहलवानों में सबसे अंत में रखा गया.
विनेश की अपील और सुनवाई
इस नियम और इस नतीजे के खिलाफ ही विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की. विनेश की मांग थी कि फाइनल को रोका जाए और उन्हें उनकी जगह वापस मिले, जिसे CAS ने ये कहकर ठुकरा दिया था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश ने अपील में संशोधन करते हुए संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की. उनकी दलील है कि सिर्फ फाइनल वाले दिन उनका वजन ज्यादा था लेकिन पहले दिन तीनों मैच उन्होंने तय वजन सीमा के अंदर खेले थे. CAS ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक इसकी सुनवाई की, जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ भी पक्षकार बना, जबकि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और UWW ने भी अपने पक्ष रखे. पहले इस पर 10 अगस्त को फैसला आना था लेकिन इसे 13 अगस्त के लिए टाल दिया गया था.

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