विश्वनाथन आनंद के शिष्य ने रचा इतिहास, 17 साल की उम्र में बना दिया ये रिकॉर्ड
17 साल के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही वो वर्ल्ड टाइटल लिए सबसे युवा चैलेंजर बन गए हैं. उन्होंने फाइनल में अमेरिका के हिकारू नाकामुरा को हराया है.
अब वो वर्ल्ड टाइटल के लिए चीन के मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को साल के आखिर में चुनौती देंगे. बता दें कि चेन्नई के रहने वाले डी गुकेश ऐसा करने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं. इसके पहले पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने 2014 में ये कारनामा किया था. बता दें कि गुकेश ने इस जीत के साथ ही एक 40 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है.
गुकेश ने तोड़ा 40 सालों पुराना रिकॉर्ड
17 साल के गुकेश ने सिर्फ कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट ही नहीं जीता है, उन्होंने इसके साथ कई रिकॉर्ड्स भी तोड़े हैं. उन्होंने वर्ल्ड टाइटल के लिए सबसे युवा चैलेंजर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसके पहले ये रिकॉर्ड रूसी चेस ग्रैंडमास्टर गैरी कास्पारोव के पास था. 40 साल पहले 1984 में उन्होंने 22 की उम्र में ये रिकॉर्ड बनाया था. गुकेश ने एक और रिकॉर्ड बनाया है. वर्ल्ड टाइटल के लिए चुनौती देने वाले वो विश्व के पहले नाबालिग बन गए हैं. उनके पहले आज तक कोई भी 18 साल से कम उम्र का ग्रैंडमास्टर ऐसा नहीं कर सका है. वो विश्व के पहले नाबालिग चेस खिलाड़ी हैं, जो वर्ल्ड टाइटल के लिए चुनौती देगा.
विश्वनाथन आनंद हैं गुकेश के गुरु
डी गुकेश के इस कारनामे के पीछे शतरंज की दुनिया के बादशाह और भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद हैं. उन्होंने ने ही गुकेश को वाका चेस एकेडमी में ट्रेनिंग दी है. इस टूर्नामेंट को जीतने के बाद उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की. आनंद ने सोशल मीडिया पर बधाई देते हुए गुकेश की मुश्किल परिस्थितियों को हैंडल करने की कला की भी तारीफ की. उनके अलावा इंग्लैंड के चेस ग्रैंडमास्टर और कमेंटेटर ने भी भारत के इस स्पेशल टैलेंट की तारीफ की है.
ये पहली बार नहीं है, जब गुकेश ने अपने कारनामे से सुर्खियां बटोरी हैं. उन्होंने 12 साल की उम्र ही ग्रैंडमास्टर का टाइटल हासिल कर लिया था. इसके साथ ही वो चेस के इतिहास में ये टाइटल हासिल करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए थे. इसके अलावा 2023 के हांगझाउ एशियन गेम्स में भी सिल्वर मेडल जीता था.