19 अप्रैल को 102 सीटों पर मतदान, पहले चरण में 8 मंत्रियों की किस्मत दांव पर
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नागपुर लोकसभा क्षेत्र से जीत की हैट्रिक लगाने की आस लगाए बैठे हैं। गडकरी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 7 बार के सांसद विलास मुत्तेमवार को 2.84 लाख मतों से हराया था। 2019 के चुनावों में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के वर्तमान प्रमुख नाना पटोले को 2.16 लाख मतों से हराकर उन्होंने लगातार दूसरी बार भाजपा को नागपुर सीट से जीत दिलाई थी।
केंद्रीय मंत्री किरण रीजीजू अरुणाचल पश्चिम सीट से चुनाव मैदान में हैं। 52 वर्षीय भाजपा नेता 2004 से तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट पर रीजीजू का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की अरुणाचल प्रदेश इकाई के वर्तमान अध्यक्ष नबाम तुकी से है।
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम के डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली का टिकट कटने के बाद राज्यसभा सदस्य सोनोवाल को डिब्रूगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा गया।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है, जहां केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान का मुकाबला सपा के हरेंद्र मलिक और बसपा के उम्मीदवार दारा सिंह प्रजापति से है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल और दो बार के सांसद जितेंद्र सिंह उधमपुर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की उम्मीद लगाये हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव को राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक ललित यादव से है। अलवर सीट से मौजूदा सांसद बालक नाथ का टिकट कट गया है।
राजस्थान की बीकानेर संसदीय सीट पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल से है।
राजस्थान की चूरू लोकसभा सीट पर दो बार के पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झांझरिया अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे झांझरिया का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार राहुल कस्वां से है। कस्वां ने मार्च में ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से एक बार फिर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है, जिन्होंने 1980 के बाद से 9 बार इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा से भाजपा उम्मीदवार को 37,536 वोट से हराया था और राज्य में एकमात्र कांग्रेस सांसद के रूप में उभरे थे।तमिलनाडु की नीलगिरी लोकसभा सीट पर द्रमुक सांसद एवं पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा का मुकाबला भाजपा के एल मुरुगन से है जो केंद्रीय मत्स्य राज्य मंत्री हैं। मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए मुरुगन पहली बार नीलगिरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
शिवगंगा लोकसभा सीट से सांसद कार्ति चिदंबरम कांग्रेस के टिकट पर पुन: मैदान में हैं और उनका मुकाबला भाजपा के टी देवनाथन यादव और अन्नाद्रमुक के जेवियर दास से है। कार्ति के पिता, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम शिवगंगा लोकसभा सीट से 7 बार सांसद चुने गए थे।
भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई कोयंबटूर लोकसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जहां उनका मुकाबला द्रमुक नेता गणपति पी. राजकुमार और अन्नाद्रमुक के सिंगाई रामचंद्रन से है।
हाल ही में तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाली तमिलिसाई सौंदरराजन सक्रिय राजनीति में वापसी करते हुए चेन्नई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने तूतुकोड़ी लोकसभा सीट से द्रमुक नेता कनिमोई के खिलाफ 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन हार गई थीं।
त्रिपुरा की दो लोकसभा सीट में से एक पश्चिम त्रिपुरा पर 19 अप्रैल को पहले चरण के अंतर्गत मतदान होना है। यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आशीष कुमार साहा के बीच मुकाबला है।
मणिपुर के कानून एवं शिक्षा मंत्री और भाजपा के उम्मीदवार बसंत कुमार सिंह इनर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं और उनका मुकाबला जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर व कांग्रेस उम्मीदवार बिमल अकोइजाम से है।