अखरोट के बहुत फायदे है जानिए अखरोट खाने के फायदे और इसके औषधिय गुण
अखरोट का नाम जुबान पर आते ही मुंह में पाना आ जाता है। अखरोट सूखे मेवों में से एक है। यह प्राय: काबुल, हिमाचल, कश्मीर, मणिपुर में बहुत अधिक मात्रा में मिलते हैं। इसका वृक्ष लगभग 60 से 90 फुट ऊंचा होता है। अखरोट दो प्रकार का होता है। इस वृक्ष की लकड़ी बहुत ही मजबूत और भूरे रंग की होती है।
आयुर्वेद की दृष्टि से हम देखें तो अखरोट स्वाद में मीठा, हल्का खट्टा, चिकना, वीर्य बढ़ाने वाला, गर्म व रुचिदायक है। कफ, पित्त को कम करने वाला, पचने में भारी और कीड़ों का नाश करने वाला है। यह वायु और पित्त को शांत करता है। टी. बी. हृदय रोग, खून की खराबी, दाद को दूर करने वाला होता है।
इसका छिलका, कीड़ों का नाश करता है और दस्तावर है। इसके पत्ते संकोचन करने वाले व पौष्टिक हैं। गठिया की बीमारी में इसका फल फायदेमंद रहता है। भुना हुआ अखरोट सर्दी से होने वाली खांसी में फायदेमंद है।
मुंह के लकवे में इसके तेल की मालिश करके दशमूल क्वाथ या शस्त्रादि का बफारा लेना चाहिए।
गाय के मूत्र में 10 ग्राम से 50 ग्राम तक अखरोट का तेल मिलाकर पीने से शरीर की सूजन उतर जाती है। इसकी छाल का काढ़ा पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
सर्दी के मौसम में सवेरे अखरोट का खाली पेट सेवन या पेय बनाकर पीना चाहिए। इससे दिमाग बहुत अच्छा हो जाता है। नींद बहुत सुखद आती है। कब्ज भी दूर होती है तथा चेहरे की कान्ति में चार चांद लग जाते हैं, इसके साथ यह वीर्य पुष्टिकर एवं वृद्धि करने वाला योग भी हैं।
निशास्ता के घटक द्रव्य – घी एक चम्मच, काली,मिर्च -7 नग, अखरोष्ट 1 पूरा, गेहूं 10 दाने, बादाम 2 नग, मुनक्का 5 नग, छोटी इलायची 2, दूध-पानी 1-1 कप, शक्कर या मिश्री स्वादानुसार । सबसे पहले मुनक्का, गेहूं के दाने, काली मिर्च, अखरोट, बादाम आदि को रात को पानी में भिगो दें, सवेरे उन्हें निकालकर पीसें, इसमें मुनक्का के बीज निकालकर पीसें। फिर 1 कप दूध, 1 कप पानी मिलाकर घी गर्म करके उसका छौंक लगा दें, इसमें छोटी इलायची, शक्कर, मिश्री आदि मिलाकर 1-2 बार अच्छी तरह उबाल लें फिर इसे स्वाद लेकर गर्म-गर्म सवेरे नाश्ते में पीएं। यह बहुत ही गुणकारी है।