कभी भारत को दिया था कर्ज पर ज्ञान, आज इंडियन इकोनॉमी पर हुई कुर्बान, कौन ये है?
भारत की इकोनॉमी की रफ्तार देखकर सभी लोग कायल होने के साथ हैरान भी है. भारत को ग्लोबल इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन माना जा रहा है. यहां तक की भारत को चीन के विकल्प के तौर पर मजबूती के साथ देखा जा रहा है. अब वो लोग भी भारत की इकोनॉमी पर कुर्बान हो रहे हैं जो 40 दिन पहले भारत को उसके कर्ज पर ज्ञान दे रहे थे. भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के आउटलुक को बढ़ा रहे हैं. आने वाले सालों में भारत को विकसित राष्ट्र होने का दावा कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही बयान आईएमएफ की ओर से आया है. जिसने दिसंबर के महीने में भारत के बढ़ते कर्ज चिंता जाहिर की थी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में आईएमएफ ने भारत की इकोनॉमी को लेकर क्या कहा था.
आईएमएफ ने बढ़ाया है अनुमान
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि भारत की आर्थिक सफलता पिछले वर्षों में किए गए सुधारों पर आधारित है और विश्वास जताया कि देश 2027 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा. क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को पत्रकारों के एक ग्रुप से कहा कि भारत का वर्ल्ड इकोनॉमी में एक उज्ज्वल स्थान रहा है और यह अब भी जारी है. हम 2024 में भारत के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर रहे हैं. 2023 में मजबूत प्रदर्शन के कारण ऐसा किया जा रहा है. भारत की सफलता पिछले वर्षों में किए सुधारों पर आधारित है.
भारत ने डिजिटली किया है मजबूत
जॉर्जीवा ने कहा कि भारत को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, डिजिटल आईडी और डिजिटल को देश की एक मजबूत ताकत बनाने से सबसे अधिक फायदा मिला है. इससे छोटे उद्यमी बाजारों में प्रवेश कर पाते हैं जैसा कि वे पहले नहीं कर पाते थे. आईएमएफ चीफ ने कहा कि अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत मानता है कि इनोवेशन ही भविष्य में प्रतिस्पर्धात्मकता को आगे बढ़ाएगा, आरएंडडी में बहुत प्रभावी तथा कुशल निवेश जैसा कि हमने चंद्रमा पर उतरना…. यह भविष्य के विकास के लिए एक मजबूत नींव रखता है. भारत को उसकी आजादी के 100 साल पूरे होने यानी 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर किए सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे काफी हद तक हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे इसके असंभव होने का कोई कारण नजर नहीं आता.