Watch: W, W, W, W…कुलवंत खेजरोलिया बन गए वेरी-वेरी स्पेशल, दुनिया भर गूंजा कारनामा, केवल तीसरे गेंदबाज बने
जारी रणजी ट्रॉफी घरेलू में एक तरफ जम्मू-कश्मीर एक्सप्रेस उमरान मलिक (Umran Malik) विकेट के लिए तरस रहे हैं, तो बाकी पेसर टूर्नामेंट में इतिहास रच रहे हैं. सोमवार को मध्य प्रदेश के लेफ्टी पेसर कुलंवत खेजरोलिया (Kulwant Khejroliya) ने मंगलवार को वह कारनामा कर दिखाया, जिसकी गूंज पूरे क्रिकेट जगत में देखने और सुनने को मिल रही है. कुलवंत ने बड़ोदा के खिलाफ मैच के आखिरी दिन होल्कर स्टेडियम में चार गेंदों में चार विकेट चटकाए. और वह ऐसा करने वाले रणजी ट्रॉफी के करीब 89 साल के इतिहास में पहले गेंदबाज बन गए. लेकिन इस कारनामे ने उनके खाते में एक और रिकॉर्ड जमा कर दिया, जो उन्हें भारतीय घरेलू इतिहास में वेरी-वेरी स्पेशल बॉलर बन गया.
दूसरी पारी में ढहाया कहर
मध्य प्रदेश के खिलाफ बड़ोदा फॉलोऑन खेल रहा था. अपने चार विकेटों में पहले खेजरोरिया ने शतकवीर शाशवत रावत को चलता किया, तो इसके बाद उन्होंने अगली तीन लगातार गेंदों के भीतर महेश पिथिया, भार्गव भट्ट और आकाश सिंह को आउट किया. और ये तीनों ही खाता नहीं खोल सके. लेफ्टी गेंदबाज ने यह कारनामा पारी में फेंके 94वें ओवर की दूसरी गेंद से शुरू किया, जो पांचवीं गेंद तक चला. और इस के साथ ही कुलवंत भारतीय रणजी ट्रॉफी के करीब 89 साल के इतिहास में यह कारनामा करने वाले सिर्फ तीसरे गेंदबाज बन गए.
…और कुलवंत बन गए वेरी-वेरी स्पेशल
इस कारनामे के साथ ही कुलवंत भारतीय क्रिकेट के घरेलू इतिहास में वेरी-वेरी स्पेशल गेंदबाज भी बन गए. संयोग से जम्मू-कश्मीर के मुदशिर और खेजोरिया रणजी ट्रॉफी के करीब 89 साल के इतिहास में सिर्फ दो ही ऐस गेंदबाज है, जिनके खाते में फर्स्ट क्लास (चार दिनी) और लिस्ट ए (घरेलू वनडे) मतलब दोनों फॉर्मेटों में हैट्रिक बनाने का रिकॉर्ड है.