हमारे पास अतिरिक्त जानकारी नहीं, कानूनी टीम के साथ करेंगे चर्चा- कतर कोर्ट के फैसले पर विदेश मंत्रालय
कतर की एक कोर्ट की ओर से जासूसी के कथित मामले में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मचारियों की मौत की सजा को कम किए जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने फिर कहा है कि अभी इस मामले में कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है. हम कानूनी टीम के साथ अगले कदम को लेकर जरूरी चर्चा करेंगे. वहीं लाल सागर में तनाव को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम हर पहलुओं पर नजर बनाए हुए हैं.
मौत की सजा को कम किए जाने को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “सजाएं कम कर दी गई हैं लेकिन विस्तृत फैसला देखने तक मेरे पास इस संबंध में जानकारी साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त सूचना नहीं है. हम आपसे फिर से अनुरोध करते हैं कि किसी तरह की अटकलें न लगाई जाएं. हमारे लिए भारतीयों और उनके परिवार के सदस्यों का हित बड़ी चिंता है. हम निश्चित रूप से कानूनी टीम और परिवार के सदस्यों के साथ अगले संभावित कदमों पर भी चर्चा करेंगे.”
अभी टिप्पणी करना सही नहींः विदेश मंत्रालय
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कल गुरुवार को अपने एक बयान में कहा था, “हमने दहारा ग्लोबल केस में कतर की अपीलीय अदालत के आज के फैसले पर गौर किया, जिसमें भारतीय नौसेना के 8 पूर्व कर्मचारियों की सजा कम कर दी गई है.’ हालांकि मंत्रालय ने यह साफ नहीं किया कि कम की गई सजा क्या है. मंत्रालय ने कहा कि इस केस की कार्यवाही की प्रकृति अत्यंत गोपनीय है. संवेदनशील केस होने के कारण इस समय कोई और टिप्पणी करना सही नहीं होगा.
मुंबई आतंकी हमले (26/11) के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को सौंपने के लिए पाकिस्तान को भेजे प्रत्यर्पण अनुरोध पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आतंकवादी हाफिज के प्रत्यर्पण को लेकर कुछ अहम दस्तावेजों के साथ पिछले दिनों इस्लामाबाद को अनुरोध भेजा गया है. वह भारत में कई मामले के लिए वांछित है. हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र भी पहले ही आतंकवादी घोषित कर चुका है.
लाल सागर पर लगातार नजरः MEA
फ्रांस में रोके गए भारतीय यात्रियों वाले विमान के मुद्दे पर बागची ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि “इसे पेरिस के पास एक तकनीकी रुकावट की वजह से रोका गया था… कुछ भारतीयों के बारे में, मेरे पास सही संख्या नहीं है लेकिन वे वहीं रुक गए, और मुझे आपको फ्रेंच अफसरों के पास भेजना होगा क्योंकि इसे वहां के अधिकारियों द्वारा उनके स्थानीय कानूनों के अनुसार निपटाया जा रहा है. मामले में अगर कोई भारतीय वहां पर फंसा हैं, और उन्हें हमसे किसी भी तरह की मदद की जरूरत है, तो हम कांसुलर की सुविधा मुहैया कराएंगे.”
लाल सागर में तनाव की स्थिति पर, प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “जैसा कि हमने पहले कहा था, हम वाणिज्यिक शिपिंग की मुक्त आवाजाही को महत्व देते हैं, जो वैश्विक वाणिज्य को रेखांकित करने वाले मूलभूत सिद्धांतों में से एक है. हम उस क्षेत्र में हर तरह के पहलुओं का सावधानी के साथ मूल्यांकन कर रहे हैं.” लेकिन मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि भारत अभी लाल सागर में या उसके आसपास किसी बहुपक्षीय पहल या ऑपरेशन का जुड़ा हुआ है या नहीं.