West Bengal Chunav Exit Poll: बहरामपुर में क्या अधीर चौधरी को मिल रही यूसुफ पठान से हार? जानें अनुमान
बहरामपुर लोकसभा सीट को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का गढ़ माना जाता है. अधीर रंजन चौधरी साल 1999 से लगातार इस सीट से जीत हासिल कर रहे हैं. इस बार छठवीं बार वह फिर से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. तृणमूल कांग्रेस लंबे समय से अधीर रंजन चौधरी को हराने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक असफल रही है. इस बार तृणमूल कांग्रेस के प्रसिद्ध क्रिकेटर युसूफ पठान को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने निर्मल कुमार साहा को उम्मीदवार बनाया है. TV9, ‘पोलस्टैट’ और ‘पीपुल्स इनसाइट’ के सर्वे का अनुमान है कि अधीर रंजन चौधरी को पराजय का सामना करना पड़ सकता है, हालांकि 4 जून को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही इसका खुलासा हो सकता है.
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल की 42 सीटों में से बीजेपी को 17, तृणमूल को 24 और कांग्रेस को 1 सीट मिल सकती है. वहीं, मालदा दक्षिण से कांग्रेस की उम्मीदवार ईशा खान चौधरी को जीत मिल सकती है. दूसरे शब्दों में कहें तो सर्वे का अनुमान है कि बहरामपुर में अधीर के जीतने की कोई संभावना नहीं है. वहां पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की जीत की संभावना है.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने 45.47 फीसदी वोट के साथ 591,147 मत हासिल कर जीत हासिल की थी. जबकि टीएमसी के अपूर्व सरकार को 510,410 को वोट के साथ 39.26 फीसदी मत मिले थे. वहीं बीजेपी के कृष्णा जुआरदार आर्य को 143,038 वोट के साथ 11.00 फीसदी मत मिले थे.
ममता-अधीर में चलता रहता है सियासी घमासान
अधीर चौधरी न केवल मुर्शिदाबाद और बंगाल से सांसद हैं, बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी उनकी अहमियत हैं. ऐसे में नतीजा क्या होगा? इस पर सभी की नजर है. चूंकि तृणमूल ने स्टार उम्मीदवार को टिकट दिया है, इसलिए इस सीट को लेकर शुरू से ही अटकलें चल रही थीं. हालांकि, अधीर ने बार-बार दावा किया है कि वह जीत रहे हैं. वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अधीर की हार की स्थिति में यह तृणमूल के लिए बड़ी जीत होगी. बंगाल की राजनीति में अधीर चौधरी और ममता बनर्जी राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते हैं.
बहरामपुर की छह विधानसभा सीटों पर TMC का कब्जा
बहरामपुर लोकसभा केंद्र के अधीन सात विधानसभा सीटें हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव में इन सात सीटों में से छह पर तृणमूल कांग्रेस और एक पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बुरवान (एससी) से टीएमसी के जीबन कृष्ण साहा, कांदी से टीएमसी के अपूर्व सरकार, भरतपुर से टीएमसी के हुमायूं कबीर, रेजिनगर से टीएमसी के रबीउल आलम चौधरी, बेलडांगा से हसनुज्जमां शेख, बहरामपुर से बीजेपी के सुब्रत मैत्रा और नाओदा से टीएमसी की साहिना ममताज बेगम ने जीत हासिल की थी.