निलंबन के खिलाफ कोर्ट जा सकता है WFI, बृजभूषण शरण सिंह ने की जेपी नड्डा से मुलाकात
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) पर सरकार का बड़ा फैसला सामने आया. नई कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया है. नई टीम अगले आदेश तक कोई भी फैसला नहीं ले सकेगी. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेता बृजभूषण शरण सिंह ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की है. वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, निलंबन को लेकर WFI सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जा सकता है.
खेल मंत्रालय के आदेश पर संजय सिंह का बयान सामने आया है. वह हाल ही में WFI के अध्यक्ष चुने गए थे. उनका कहना है कि खेल मंत्रालय का लेटर देखने के बाद बयान दूंगा. मैं प्लेन में था, मंत्रालय के आदेश की जानकारी नहीं है. अभी मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं है.
WFI बोला, खेल मंत्रालय का फैसला ठीक नहीं
WFI के सूत्रों का कहना है कि नई बॉडी का चुनाव नेशनल स्पोर्ट्स कोड और कुश्ती फेडरेशन के संविधान के मुताबिक हुआ है. ऐसे में खेल मंत्रालय का फैसला ठीक नहीं है. टूर्नामेंट अगर जल्दी नहीं कराते हैं तो कई खिलाड़ियों की उम्र ज्यादा हो जाएगी और वे ओवरएज हो जाएंगें. उनका साल बर्बाद हो जाएगा.
हाल के दिनों में विवादों में रहे भारतीय कुश्ती संघ को खेल मंत्रालय की ओर से बड़ा झटका लगा है. मंत्रालय ने WFI को अगले आदेश तक अपनी सभी गतिविधियों को निलंबित करने का निर्देश और WFI के नए अध्यक्ष संजय सिंह के किसी भी फैसले पर रोक लगा दी है. WFI पर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है. संजय सिंह ने अंडर-15,अंडर-20 टूर्नामेंट का ऐलान किया था. संजय सिंह ने जल्दबाजी में फैसला लिया. फैसले से पहले पहलवानों को सही से सूचित नहीं किया गया. साथ ही साथ WFI के संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया.
क्या कहता है WFI का संविधान?
WFI के संविधान के मुताबिक, इस तरह के फैसले कार्यकारी समिति में लिए जाते हैं और बैठक के लिए उचित समय दिया जाता है, जिसके लिए न्यूनतम नोटिस की अवधि 15 दिन की होती है. ऐसे में संजय सिंह पर हर फैसला इन प्रावधानों को दरकिनार करके लेने का आरोप है. भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के जीतने के बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था.