What India Thinks Today: अम्मा प्लीज ये फिल्म मत देखना…रणबीर कपूर की एनिमल देख खुशबू सुंदर की बेटियों ने ऐसा क्यों कहा था
देश के सबसे बड़े न्यूज़ नेटवर्क टीवी 9 नेटवर्क के सालाना समारोह ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ ग्लोबल समिट में एक्ट्रेस और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने शिरकत की. खुशबू सुंदर उन कलाकारों में से हैं, जिन्होंने बेहद कम उम्र में ही सिनेमा का रुख कर लिया था. समिट के दौरान खुशबू सुंदर ने एनिमल फिल्म पर भी अपनी राय रखी.
संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म एनिमल में महिलाओं के चित्रण पर काफी बवाल हुआ था. अब इस बारे में खुशबू सुदंर से भी सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, “पहले मैं बता दूं कि मैंने एनिमल नहीं देखी है. क्योंकि मैं जैसी फिल्में पसंद करती हूं ये वैसी नहीं है. पर हां, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य होने के नाते ये बहुत मुश्किल हो जाता है.”
खुशबू सुदंर कहती हैं, “दहेज, उत्पीड़न जैसे मामले आते रहते हैं. अभी भी ट्रिपल तलाक के केस भी आते हैं. इनमें मामलों में फोन, लेटर या घर में ही बोल कर तलाक दे दिया जाता है. जैसा रवीना कह रही थीं, मैरिटल रेप के बारे में, या किसी और तरह के उत्पीड़न के बारे में, हम ऐसी कई मुश्किलों से दो चार होते हैं.”
एनिमल पर क्या कहा?
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों का ज़िक्र करते हुए खुशबू सुदंर ने कहा, “एनिमल जैसी फिल्म, जो सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन जाती है. हमें ऐसे लोगों के माइंड सेट के बारे में सोचना होगा जो ऐसी फिल्में देखते हैं. उनके बारे में भी बात होनी चाहिए. इससे पहले कबीर सिंह को लेकर भी ऐसा ही मामला आया था. ये तेलुगू में भी बनी थी, जिसका नाम अर्जुन रेड्डी था.”
इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्मों के लिए मैं डायरेक्टर के कसूरवार नहीं मानती क्योंकि उनके लिए फिल्म की कामयाबी ही मायने रखती है. उन्होंने कहा कि एनिमल जैसी फिल्म देखने वाले सारे नौजवान हैं, पुरुष हैं. वो पढ़े लिखे नौजवान हैं. मैं नहीं चाहती थी कि मेरी बेटियां ये फिल्म देखें, पर वो देखने गईं क्योंकि वो जानना चाहती थीं कि फिल्म किस बारे में है. पर उन्होंने आकर कहा कि अम्मा प्लीज़ इस फिल्म को मत देखना.
खुशबू सुंदर ने कहा कि हमें उस माइंड सेट को समझने की ज़रूरत है क्योंकि हम समाज में आ रहे बदलाव पर बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो जो समाज में हो रहा है वही फिल्म में दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसी फिल्में देख रहे हैं उन्हें बदलने की ज़रूरत है. एनिमल जैसी फिल्म जिसमें महिला विरोधी चीज़ें दिखाई गई हैं वो इतना अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. हम आखिर कहां जा रहे हैं.