क्या है मन भटकना और दिन में सपने देखना ?जानिए क्या है रिसर्च के रोचक तथ्य
मेलबर्न, क्या आपने कभी किसी उबाऊ बैठक के दौरान अपने प्रियजन के बारे में सोचा है? या सुपरमार्केट की तरफ ड्राइव करते समय क्या आपने उस फिल्म के कथानक पर विचार किया है, जिसे आपने हाल ही में देखा था?
यह संज्ञानात्मक घटना है जिसे ”मन भटकना” कहा जाता है. शोध से पता चलता है कि यह पश्चिमी और गैर-पश्चिमी दोनों समाजों में हमारी जाग्रत अनुभूति (जागते समय हमारी मानसिक प्रक्रियाएँ) का 50% तक हो सकता है.तो इस समय को उत्पादक और लाभकारी बनाने में क्या मदद कर सकता है? मन का भटकना दिवास्वप्न नहीं है
मन भटकने को अक्सर दिवास्वप्न के साथ जोड़कर देखा जाता है. इन दोनों को असावधानी के प्रकार माना जाता है लेकिन ये एक ही चीज़ नहीं हैं.
मन भटकना प्राथमिक कार्य से संबंधित है, जैसे किताब पढ़ना, व्याख्यान सुनना या किसी बैठक में भाग लेना. ऐसे में मन उस कार्य से हट जाता है जो आप कर रहे हैं और आंतरिक रूप से उत्पन्न, असंबद्ध विचारों पर ध्यान केंद्रित करता है.
दूसरी ओर, दिवास्वप्न में कोई प्राथमिक, सक्रिय कार्य शामिल नहीं होता है. उदाहरण के लिए, बस में यात्रा करते समय और खिड़की से बाहर देखते हुए एक पूर्व-साथी के बारे में सोचना दिवास्वप्न होगा. या बिस्तर पर लेटे हुए यह सोच रहे हैं कि विदेश में छुट्टियों पर जाना कैसा होगा.
यदि आप बस चला रहे थे या बिस्तर बना रहे थे और आपके विचार प्राथमिक कार्य से हट गए, तो इसे दिमाग का भटकना माना जाएगा.