क्या है सेमीकंडक्टर चिप? जिसके लिए चीन चाहता है ताइवान पर कब्जा, बीच मैदान भारत मारेगा बाजी
सेमीकंडक्टर चिप और चीन-ताइवान तनाव के बारे में आपने अक्सर समाचार में सुना होगा. सेमीकंडक्टर चिप की वजह से अक्सर आपने वाहनों की डिलीवरी लेट होने की खबर सुनी होगी. वहीं दूसरी ओर चीन द्वारा ताइवान की हवाई सीमा में अपने फाइटर प्लेन भेजने की खबर भी आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन क्या आपको पता है. इन दोनों ही खबरों का आपस में बहुत घनिष्ट संबंध है और चीन सेमीकंडक्टर चिप की वजह से ही ताइवान पर कब्जा करना चाहता है.
चीन की इस चाल को समझते हुए, अब भारत ने सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए कमर कस ली है और भारत जल्द ही इसके प्रोडक्शन में सरताज बनने वाला है. अगर आप सेमीकंडक्टर चिप और चीन-ताइवान के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो यहां हम इन दोनों के संबंध के बारे में आपको विस्तार से बता रहे हैं.
सेमीकंडक्टर चिप सिलकॉन से तैयार होती है और ये इस्तेमाल डाटा प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है. इसलिए सेमीकंडक्टर चिप के बिना स्मार्टफोन और स्मार्ट कारों की कल्पना नहीं की जा सकती. सेमीकंडक्टर चिप की अहमीयत आप इसी बात से समझ सकते हैं कि अगर किसी वजह से सेमीकंडक्टर चिप का प्रोडक्शन कम हो जाए तो मोबाइल और कारों का प्रोडक्शन अपने आप कम हो जाता है.
चीन ताइवान पर क्यों करना चाहता है कब्जा?
ताइवान, पूर्वी एशिया में स्थित एक द्वीप है. यह उत्तर-पश्चिमी प्रशांत महासागर में पूर्व और दक्षिण चीन सागर के जंक्शन पर स्थित है. ताइवान के उत्तर और उत्तर-पूर्व में पूर्वी चीन सागर है. इसके उत्तर-पूर्व में रयूकू द्वीप (जापान का सबसे दक्षिणी भाग) है. अब आते हैं चीन के ताइवान पर कब्जा करने की बात पर दरअसल ताइवान दुनिया में सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर चिप का प्रोडक्शन करने वाला देश है. इस देश में चीन से ज्यादा जापान का प्रभाव है. वहीं चीन दावा करता है कि ताइवान किसी समय पर उसका हिस्सा हुआ करता था. इसलिए आज भी ताइवान उसका ही हिस्सा है.
भारत ने सेट किया टारगेट
भारत दुनिया ने सेमीकंडक्टर चिप बनाने की दिशा में कमद बढ़ा दिया है. पीएम मोदी ने भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट की नींव रख दी है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव की मानें, तो भारत अगले 5 साल में दुनिया का 5वां सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर बनाने वाला देश बन जाएगा. आपको बता दें सेमीकंडक्टर बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां चीन के विकल्प के तौर पर अन्य देश की तलाश में हैं.
यह भारत के लिए एक बड़ा ऑप्शन हो सकता है. वही चीन और अमेरिका के बीच विवाद चल रहा है, जिसका फायद भारत को मिल सकता है. यूएस चिप मेकर क्वॉलकॉम ने चेन्नई में नया डिजाइन सेंटर खोला है, जहां वायरलेस टेक्नोलॉजी डिजाइन की जाएगी. इससे करीब 1600 नई नौकरियां पैदा होंगी.