मालदीव और चीन की नजदीकियों से भारत को क्या खतरा? शशि थरूर ने मोदी सरकार को किया अलर्ट
मालदीव और चीन की नजदीकियों से क्या भारत को कोई खतरा है? यह सवाल कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान से खड़ा हो रहा है. कांग्रेस नेता ने मालदीव और चीन की नजदीकियों को लेकर मोदी सरकार को अलर्ट किया है. शशि थरूर ने कहा है कि सरकार को मालदीव की चीन से नजदीकियों को लेकर सतर्क रहना चाहिए और सरकार को इससे होने वाले खतरे के बारे में अवगत होना चाहिए.
शशि थरूर एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव-भारत राजनयिक विवाद पर अपनी बात रख रहे थे. उनका कहना है कि ताजा विवाद के बाद अब चीन, भारत की सीमा पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. हमें मालदीव सरकार की चीन के साथ बढ़ती निकटता पर बारीकी से नजर रखनी होगी.
मनमोहन सरकार में विदेश राज्य मंत्री रह चुके शशि थरूर ने कहा, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन हमारे सभी पड़ोसी देशों में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे खतरों के बारे में केंद्र सरकार को पता होना चाहिए.”
मालदीव-चीन की नजदीकियों से भारत को क्या खतरा?
दरअसल चीन हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाना चाहता है. इसके लिए उसे मालदीव की जरूरत है. मालदीव में नई सरकार बनी तो चीन की कोशिशों को और बल मिल गया, क्योंकिमालदीव के नए नवेले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के समर्थक हैं. भारत से ताजा विवाद की वजह से मालदीव और चीन में अब और नजदीकियां बढ़ने लगी हैं. हाल ही में मोहम्मद मुइज्जू ने चीन की यात्रा की और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद दोनों देशों ने ट्रेवल और समुद्री अर्थव्यवस्था समेत 20 समझौते किए.
दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का सबसे ज्यादा खतरा भारत को है. चीन मालदीव में अब अपना सैन्य बेस बनाना चाहता है, जिससे भारत की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगेगा. दूसरी ओर अब मालदीव सरकार ने भारत सरकार को मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी की डेडलाइन दे दी है. मालदीव सरकार का मानना है कि देश में भारतीय सैनिकों की उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा है. मालदीव से भारतीय सेना लौटी तो इसका सीधा फायदा चीन की सैन्य बेस बनाने की कोशिशों को मिलेगा. मालदीव में 88 भारतीय सैनिक हैं.
चीन से लौटते ही मुइज्जू ने भारत पर बोला हमला
बता दें कि चीन दौरे से लौटने के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू के तेवर बदले गए. उन्होंने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत का नाम लिए बिना कहा, हम छोटे देश हो सकते हैं, लेकिन इससे किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता. किसी भी देश को किसी अन्य देश के घरेलू मामलों को प्रभावित करने का अधिकार नहीं है. हम एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र हैं. मुइज्जू नेभारत पर मालदीव की निर्भरता को कम करने की योजनाओं की भी घोषणा की है.