क्‍या सच में कुत्‍ते-सांप इंसानों में डर सूंघ लेते हैं? कैसे पता चल जाता है उन्‍हें, जान लीजिए जवाब

आपने कई लोगों को यह कहते हुए सुना होगा क‍ि जानवर इंसानों में डर की गंध महसूस कर लेते हैं. जैसे आप डरते हैं, वे जान जाते हैं और तुरंत हमला कर देते हैं. इसल‍िए कोई भी जानवर हो डरना नहीं चाहिए. लेकिन क्‍या सच में ऐसा होता है, क्या जानवर सचमुच इंसानों में डर की गंध महसूस कर सकते हैं? स्‍टडी में इसे लेकर चौंकाने वाले दावे किए गए हैं.

साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में पब्‍ल‍िश रिपोर्ट के मुताबिक, कुत्ते जैसे जानवर हमारे भावों और शारीरिक मुद्रा पर प्रतिक्रिया करने के लिए जाने जाते हैं. वे हमारी प्रतिक्रिया देखकर पहचान जाते हैं. उनका स्‍वभाव जानने के ल‍िए वैज्ञान‍िकों ने लंबी रिसर्च की. 100 लोगों की एक टीम को एक दिन कॉमेडी और अगले दिन डरावनी फिल्म की क्लिप दिखाई. फ‍िर उनके पसीने को इकट्ठा कर कुत्‍तों और घोड़ों को सुंघाया.

उन्‍हें पता था क‍ि डर क्‍या है?

नतीजा चौंकाने वाला था. जब उन्‍होंने कॉमेडी वाला पसीना सूंघा तो केवल अपने बाएं नथुने का इस्तेमाल किया. इससे पता चला क‍ि वे सूंघने के ल‍िए मस्‍त‍िष्‍क के क‍िस ह‍िस्‍से का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. डरावनी फ‍िल्‍म वाले नमूनों को सूंघने के ल‍िए दोनों नथुनों का इस्‍तेमाल किया. साफ मतलब है कि उन्‍हें पता था क‍ि डर क्‍या है? यानी वे पसीने से पहचान लेने में सक्षम थे.

मनुष्यों के पसीने में कई यौगिक

वैज्ञान‍िकों ने इसके पीछे की वजह भी बताई. लाइव साइंंस की रिपोर्ट के मुताबिक, मनुष्यों के पसीने में कई यौगिक होते हैं, जैसे एड्रेनालाईन या एंड्रोस्टेडिएनोन. जब इंसान को डर लगता है तो ये शरीर की गंध बदल देते हैं. वैज्ञान‍िकों के मुताबिक, इसी गंध से जानवर डर महसूस करते हैं. दूसरा, इंसान की प्रत‍िक्रिया उससे भी ज्‍यादा मायने रखती है.

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