क्या मेन अकाउंट से करना चाहिए UPI पेमेंट? फायदे से ज्यादा लंबी है नुकसान की लिस्ट
भागदौड़ वाली दिनचर्या में अक्सर सुकून के लिए ऑफिस अवर्स में चाय के लिए आप ब्रेक लेते हैं. ऐसे में कई बार ऑफिस के बाहर चाय की टपरी पर जमावड़ा लगता है. जहां आप बेझिझक मोबाइल निकाल कर क्यूआर कोड स्कैन करके भुगतान कर देते हैं. .
ठीक इसी तरीके से कई दूसरी जगहों पर भी क्यूआर कोड स्कैन करके आप भुगतान करते हैं. जिसमें पार्किंग फीस, टोल टैक्स, ग्रासरी और ऑनलाइन शॉपिंग मुख्य हैं. अगर आप इन सभी भुगतान के लिए अपने यूपीआई को मेन अकाउंट से कनेक्ट किए हुए हैं, तो आपको फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है. जिसके बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं.
UPI को किस अकाउंट से करें कनेक्ट?
अगर आप ज्यादातर पेमेंट ऑनलाइन माध्यम से करते हैं, तो इसके लिए आपको एक अलग अकाउंट रखना चाहिए. जिसमें रोजाना के खर्चे के हिसाब से पैसे रखने चाहिए. इस अल्टरनेट अकाउंट की वजह से आपको कई फायदे होते हैं.
फ्रॉड से रहेंगे सिक्योर
अगर यूपीआई को मेन अकाउंट की जगह अल्टरनेट अकाउंट से कनेक्ट करेंगे तो उसमें कम पैसे रहेगे. ऐसी स्थिति में अगर आपके साथ फ्रॉड होता है तो आपके अकाउंट में से कम पैसे ही निकलेगे और आपको कम नुकसान होगा.
बजट को कर सकेंगे ट्रैक
अल्टरनेट अकाउंट में रोजाना के हिसाब से आप पैसे रखेंगे तो इससे आपको बजट सही रहेगा और बेवजह की जगह पर आपका खर्चा कम होगा. साथ ही जरूरत पड़ने पर आप अपने खर्च को आसानी से ट्रैक भी कर सकते हैं.
सेविंग अकाउंट पर मिलेगी ब्याज
अल्टरनेट अकाउंट को यूपीआई से कनेक्ट करने और उसमें रोजमर्रा के खर्च के लिए पैसे ट्रांसफर करने से आपको एक बड़ा फायदा ये भी होगा की, आपके मेन अकाउंट में ज्यादा पैसे रहेगे. जिस वजह से इसपर आपको बैंक की ओर से सालाना आधार पर 7 प्रतिशत की ब्याज मिलेगी. वहीं अगर आप मेन अकाउंट से यूपीआई को कनेक्ट करते हैं, तो आपको इन फायदों के विपरीत कई नुकसान होंगे.