राम मंदिर निर्माण में क्या थी सबसे बड़ी चुनौती? निर्माण पैनल के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया
राम मंदिर निर्माण का प्रथम चरण तकरीबन पूरा हो गया है, 22 जनवरी को यहां रामलला विराजमान हो जाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या नगरी को सजाया जा रहा है. हर तरफ उल्लास है. इस बीच राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर निर्माण कैसे हुआ और इस दौरान क्या चुनौतियां आईं.
राम मंदिर निर्माण पर नृपेंद्र मिश्रा कहते हैं यह काम पूरी तरह से दैवीय शक्ति से संपन्न हुआ. इस पावन कार्य से मेरा नाम जुड़ा होना भगवान का आशीर्वाद है. उन्होंने बताया कि 2024 दिसंबर तक मंदिर निर्माण का दूसरा चरण पूरा हो जाएगा. इसके तीसरे चरण यानी सभी भवन और बचे हुए काम 2025 में पूरे होंगे.
7-8 जनवरी तक हो जाएगा प्रतिमा का चयन
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि गर्भगृह में लगने वाली मूर्ति का चयन 7- 8 जनवरी तक पूरा हो जाएगा. इसकी चयन प्रक्रिया चल रही है. 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 4 हजार साधुओं समेत 8 हजार अतिथि हिस्सा लेंगे. सभी को पहले अनौपचारिक संदेश भेजा जाएगा, जब वे पुष्टि करेंगे तो औपचारिक निमंत्रण भेजेंगे.
यह थी मंदिर निर्माण की चुनौती
निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया मंदिर निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती राम मंदिर की नींव डाला था. पूरी मिट्टी हटाकर नई मिट्टी डाली गई है. इस काम के लिए 3 बार मुझे लिखित में देना पड़ा. बिना लिखे मेरे अनुसार काम करने के लिए लोगों ने मना कर दिया था. इसके बाद 3 बार मैंने लिखित में दिया कि मैं अपने फैसले की जिम्मेदारी लेता हूं, तब काम शुरू हो सका.
राम मंदिर निर्माण की स्टडी करना चाहते हैं IIT
देश में कई IIT राम मंदिर निर्माण की स्टडी करना चाहती हैं. वे आर्किटेक्चर और डिजाइन को अपनी पढ़ाई में शामिल करने के लिए अप्रोच कर रहे है. उन्होंने बताया कि सिविल इंजीनियरिंग में जल्द ही मंदिर निर्माण का एक सब्जेक्ट शुरू किया जाएगा. पीएम मोदी चाहते हैं कि देश में मंदिर निर्माण तकनीक की जानकारी देने वाला केंद्र बने. उन्होंने बताया कि जल्द ही इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर टेंपल कंस्ट्रक्शन बनेगा. बहुत उम्मीद है कि इसका निर्माण यूपी में ही हो सके.
मोबाइल की एंट्री पर रहेगा बैन, राम भक्तों के लिए होंगी विशेष सुविधाएं
मंदिर निर्माण में आने वाले भक्तों के लिए 10 कैनोपी लगाई जांएगी, यह वो स्थान होंगे जहां मंदिर आने वाले भक्त आराम कर सकेंगे. मंदिर में मोबाइल की एंट्री पर पूरी तरह बैन रहेगा, इन्हें सामान के साथ काउंटर पर जमा कराना होगा. यहां श्रद्धालुओं के सामान की जांच के लिए भी एक केंद्र बनेगा. श्रद्धालुओं का सामान रखने के लिए 12 हजार लॉकर बनाए जा रहे हैं. सामान देने और लेने के लिए 64 काउंटर होंगे.
अब तक आया 3500 करोड़ रुपये चंदा
राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक 3500 करोड़ रुपये चंदा आ चुका है. इसमें विदेशी चंदा शामिल नहीं है. अब लोग FCRA के तहत विदेश में रहने वाले लोग भी चंदा दे सकेंगे. उन्होंने बताया कि मंदिर का शत प्रतिशत निर्माण भक्तों के चंदे से हुआ है. इसमें राज्य और केंद्र सरकार से एक भी पैसे का इस्तेमाल नहीं हुआ. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक जो लोग चंदा देना चाहते हैं वह आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी लें और आधिकारिक खातों का ही इस्तेमाल करें. उन्होंने बताया कि VHP कार्यकर्ताओं को लाखों की रसींद दी गई और उनका शत प्रतिशत ऑडिट हुआ.
मंदिर निर्माण में लगेंगे 2 हजार करोड़
निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण 2000 करोड़ रूपये लगेंगे. अभी तक 800- 900 करोड़ रुपए लग चुके हैं. अयोध्या में बहुत निवेश आएगा. होटल इंडस्ट्री पर बहुत असर होगा. रोजगार भी बढ़ेगा. हर व्यक्ति की आय में इजाफा होगा. उन्होंने बताया कि लोग 50 से 100 बेड का अस्पताल बनाने के लिए जमीन तलाश रहे हैं.