माघ माह की गुप्त नवरात्रि कब से हो रही है प्रारंभ, जानें महत्व और साधना के लिए मंत्र
वर्ष में चार नवरात्रियों होती हैं। चैत्र माह की नवरात्रि से नववर्ष की शुरुआत होती है। आश्विन माह की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं। आषाढ़ और माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं।
गुप्त नवरात्र में दश महाविद्याओं की पूजा और साधना करते हैं। आओ जानते हैं कि माघ माह की यह नवरात्रि कब से होगी प्रारंभ और क्या है इसका महत्व।
माघ नवरात्रि प्रारंभ : माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकम से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होती है। इस बार 10 फरवरी 2024 शनिवार के दिन से माघ माह की गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होगी, जो 18 फरवरी रविवार तक चलेगी।
घटस्थापना मुहूर्त- सुबह 08:50 से 10:20 तक।
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:18 से 01:04 तक।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 10 फरवरी 2024 को सुबह 04:28 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 11 फरवरी 2024 को 12:47am तक।
गुप्त नवरात्रि की देवियां:- 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला। उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग अलग देवियों से हैं। प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)।
कोटि के अनुसार करें साधना : गुप्त नवरात्रि में गुप्त साधनाओं का खासा महत्व रहता है। सौम्य कोटि, उग्र कोटि और सौम्य-उग्र कोटि की देवी का चयन करके ही 10 में से किसी एक देवी की पूजा या साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।