जब बैन हुई रेखा-अमिताभ की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री! हिमाचल प्रदेश में हुआ था खूब हंगामा! ‘जालिम’ बना था चुनाव आयोग

करीब 4 दशक पहले जब बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी दर्शकों को दिलों पर राज कर रही थी. तभी इस जोड़ी की एक फिल्म को लेकर हिमाचल प्रदेश में काफी हंमागा मचा था. कहा जाता है कि उनकी फिल्म से 1977 में हुए विधान सभा चुनाव में एक उमींदवार काफी डर गया था. उसे लगने लगा था कि अगर अमिताभ-रेखा की फिल्म हिमाचल प्रदेश में रिलीज हो गई तो उसका नाम खराब हो जाएगा.

अब आप सोच रहे होंगे कि अमिताभ-रेखा की वो फिल्म बायोपिक फिल्म रही होगी, जिसकी वजह से वह उमींदवार डर गया था तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं था.

 

‘खून-पसीना’ थी वो फिल्मबता दें कि ये मजेदार किस्सा अमिताभ बच्चन और रेखा की फिल्म ‘खून-पसीना’ (Khoon Pasina 1977 Movie) से संबंधित है. यह फिल्म साल 1977 में रिलीज़ हुई थी. लगभग 80 लाख रुपए के बजट में बनकर तैयार हुई ‘खून पसीना’ ने 2 करोड़ 50 लाख रुपए की कमाई की थी और ये एक हिट फिल्म रही थी. फिल्म में विनोद खन्ना, असरानी, अरुणा इरानी, निरूपा रॉय, कादर खान, रंजीत और भारत भूषण ने भी अहम किरदार निभाए थे. फिल्म के डायरेक्टर थे राकेश कुमार.

इस वजह से हिमाचल में नहीं रिलीज हुई थी फिल्मआईएमडीबी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘खून पसीना’ फिल्म जब रिलीज़ हुई थी तो उस वक्त हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे. खून पसीना के मुख्य विलेन का नाम जालिम सिंह था और इत्तेफाक से हिमाचल की एक विधानसभा सीट पर जालिम सिंह नाम का एक उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहा था. ऐसे में वह उम्मीदवार फिल्म को लेकर काफी डर गया था. उसने चुनाव आयोग में अपील की और कहा कि इस फिल्म को हिमाचल प्रदेश में ना रिलीज़ होने दिया जाए. नहीं तो उसके नाम पर बहुत ज़्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. चुनाव आयोग ने उस उम्मीदवार की शिकायत को गंभीरता से लिया और इस फिल्म को चुनाव होने तक हिमाचल प्रदेश में नहीं रिलीज़ होने दिया.

कादर खान थे जालिम सिंहबता दें कि फिल्म में जालिम सिंह का रोल कादर खान ने निभाया था. शिव/टाइगर के रोल में अमिताभ बच्चन, असलम शेर खान/शेरा के रोल में विनोद खन्ना और चंदा के रोल में रेखा को देखा गया था. यह कादर खान की पहली फिल्म थी, जिसमें वह विलेन बने थे.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *