पहाड़ों पर बन रहा ‘व्हाइट मार्च’ वाला मौसम, एक से चार मार्च तक होगी बर्फबारी और मैदान में तेज बारिश

बीते 30 दिनों के भीतर यह पांचवा दौर है, जब पश्चिमी विक्षोभ सबसे ज्यादा सक्रिय होने जा रहा है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले सात दिनों तक मैदान से लेकर पहाड़ी इलाकों में मौसम बदला रहेगा।

पहाड़ों पर बर्फबारी तो मैदानी इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, मध्यप्रदेश समेत राजस्थान के कुछ हिस्सों और उत्तर प्रदेश में मौसम के बदलाव का सीधा असर देखने को मिल सकता है। विभाग के मुताबिक 1 मार्च से लेकर 4 मार्च तक पहाड़ों पर एक बार फिर से जमकर बर्फबारी होने की संभावनाएं बन रही हैं। जबकि मैदानी इलाकों में तेज बारिश होगी।

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बीते एक महीने के भीतर यह पांचवा पश्चिमी विक्षोभ है, जो सक्रियता के साथ उत्तर भारत में मौसम को बदल रहा है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 48 घंटे के भीतर एक बार फिर से उत्तर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। इसकी सक्रियता से दो दिन पहले यानि सोमवार और मंगलवार को मध्य भारत में इसका सीधा असर होने वाला है। इसके चलते तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि और बिजली गिरने की संभावनाएं बनी हुई हैं। जबकि उत्तर भारत के राज्यों में बादलों की आवाजाही के साथ कहीं-कहीं पर हल्की-फुल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है।

मौसम विभाग के प्रवक्ता राजेंद्र कुमार के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता 29 फरवरी से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में देखने को मिलेगी। इस दौरान 1 मार्च से 4 मार्च तक पहाड़ी इलाकों के आसपास के मैदानी इलाकों में इसका असर होगा। आंधी, बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी के साथ तेज तूफान का भी अनुमान लगाया जा रहा है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक बुधवार से सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता का असर एक और दो मार्च को सबसे ज्यादा होगा। इसके चलते लद्दाख, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश या भारी बर्फबारी का अनुमान लगाया जा रहा है।

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक जहां हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में 1 से 2 मार्च तक बारिश और बर्फबारी का अनुमान है। वहीं एक मार्च को उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावनाएं बन रही हैं। इसके अलावा मैदानी इलाकों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश समेत राजस्थान के कुछ हिस्सों में अगले 7 दिनों तक मौसम बदलने का अनुमान लगाया जा रहा है। विभाग का कहना है कि मध्यप्रदेश में 27 फरवरी को अलग-अलग जगहों पर ओलावृष्टि हो सकती है। विदर्भ के हिस्सों में सोमवार से लेकर मंगलवार तक ओलावृष्टि और बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है।

इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के साथ-साथ उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में सोमवार और मंगलवार को बारिश समेत पहाड़ों पर बर्फबारी का अनुमान लगाया गया है। हालांकि मौसम विभाग का अगले कुछ दिनों के भीतर न्यूनतम पारे में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। दरअसल मराठवाड़ा, तेलंगाना और मध्यप्रदेश समेत झारखंड के ऊपर से बहने वाली 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं से अधिकतम तापमान में कुछ गिरावट दर्ज होने का अनुमान है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ों पर गिरने वाली बर्फ और उसके बाद चलने वाली तेज हवाओं से फिलहाल अगले कुछ दिनों तक दिन और रात के तापमान में कोई बहुत बढ़ोत्तरी नहीं होने वाली।

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