PayTm के पेमेंट बैंक ने ऐसी कौन सी कर दी गलती कि आरबीआई को उस पर लगाना पड़ा बैन!
बहुत से लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला क्यों किया. भारत के बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के कामकाज पर रोक लगा दी है और उसे 29 फरवरी से डिपाजिट लेने से रोक दिया है. भारत के बैंकिंग रेगुलेटर ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर प्रतिबंध लगाकर तहलका मचा दिया है. भारत की फिनटेक दिग्गज पेटीएम के बिजनेस पर इससे काफी असर पड़ने की आशंका है.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक टेक्निकल ऑडिट में पाया गया है कि PayTm Payment Bank के मनी और डाटा ट्रेफिक फ्लो में कुछ समस्या आ रही है. पेटीएम पेमेंट बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित एक संस्थान है जिस पर कड़े दिशा निर्देश लागू होते हैं.
पेटीएम के यूनिवर्स में अकाउंटिंग और सुपरवाइजरी टाइप की कई समस्या है. इस मामले से जुड़े लोगों ने यह कहा है कि पेटीएम को पहले भी इस तरह के मसलों के बारे में कई बार चेतावनी दी गई थी लेकिन पेटीएम ने उसे गंभीरता से नहीं लिया.बैंकिंग नियामक इस बात से भी चिंतित था कि पेटीएम पेमेंट बैंक और पेटीएम के बाकी कामकाज में मैनेजमेंट की भूमिका स्पष्ट नहीं थी. पेटीएम के टॉप अधिकारी पेटीएम पेमेंट बैंक से जुड़े फैसले भी ले रहे थे. इससे दोनों संस्थानों में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट पैदा होता है.
पेटीएम पेमेंट बैंक में पेटीएम की पैरंट कंपनी की 49 फीसदी हिस्सेदारी है. पेटीएम पेमेंट बैंक के कामकाज को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने गंभीर अनियमितता पाई थी और इसी वजह से पेटीएम पेमेंट बैंक पर प्रतिबंध लगाया गया है.इस मामले से जुड़े एक एक्सपर्ट ने कहा है कि पेटीएम बैंकिंग नियामक के निशाने पर काफी समय से था और वह अपने कामकाज में सुधार नहीं कर पा रहा था. पेटीएम ने चीनी बैंकों के साथ कर्ज देने के लिए पार्टनरशिप की है, उन्हें भी अपने संबंधों पर अब दोबारा विचार करना पड़ेगा.
पेटीएम इस फैसले के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक में अपील कर सकता है और इस मामले को बोर्ड के सामने ले जा सकता है लेकिन ऐसा लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले के बाद पेटीएम उसके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.