कौन था शुभकरण सिंह? किसान आंदोलन में खनौरी बॉर्डर पर हुई मौत
किसान आंदोलन में बठिंडा के एक नौजवान शुभकरण सिंह की मौत की खबर सामने आई है। वह पंजाब के संगरूर में खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा था।
इसी दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने गोली लगने की खबर से इनकार किया है, लेकिन इसे लेकर राजनीति तेज हो गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना की निंदा की है। आइए जानते हैं कि शुभकरण सिंह कौन था।
कौन था नौजवान शुभकरण सिंह?
जानकारी के अनुसार, शुभकरण सिंह की उम्र 23 साल थी। वह बठिंडा जिले के गांव वलो का निवासी था। कहा जा रहा है कि वह तीन दिन पहले ही किसान आंदोलन में शामिल हुआ था। शुभकरण दो बहनों का इकलौता भाई था। वह करीब 3 एकड़ जमीन का मालिक था। उसके निधन की सूचना से गांव में मातम पसर गया। राजिंदरा अस्पताल, पटियाला में मृतक के शव को रखा गया है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस घटना को हृदयविदारक बताते हुए शुभकरण सिंह के परिवार के प्रति संवेदनाएं जताई हैं।
हरियाणा पुलिस ने किया मौत से इनकार
आपको बता दें कि हरियाणा पुलिस ने किसी की मौत से इनकार किया है। पुलिस के अनुसार, आज किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह महज एक अफवाह है। दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों और एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है।
पुलिस ने कहा- किसानों ने किया हमला
आपको बता दें कि किसान लगातार शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को पुलिस और किसान खनौरी बॉर्डर पर आमने-सामने हो गए। हरियाणा पुलिस के पोस्ट के अनुसार, दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियो ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस का चारों तरफ से घेराव किया। पुलिस का कहना है कि किसानों ने पथराव किया। साथ ही लाठी, गंडासे का इस्तेमाल करते हुए पुलिसकर्मियों पर किया हमला। इस हमले में लगभग 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
आपको बता दें कि किसान आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों और सरकार के बीच एमएसपी समेत कई मुद्दों पर चार दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अब तक कोई हल नहीं निकल सका है। प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली कूच को दो दिन के लिए स्थगित कर दिया है।