शिवराज के 10 मंत्रियों को मोहन कैबिनेट में क्यों नहीं मिली जगह? सामने आई बड़ी वजह
सोमवार को मध्य प्रदेश में नई बनी भाजपा सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हुआ। एमपी के पहले कैबिनेट विस्तार में कुल 28 मंत्रियों ने शपथ ली है। इस कैबिनेट में पू्र्व की शिवराज सरकार के 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली है। हालांकि, शिवराज सरकार के ज्यादातर मंत्रियों को मोहन यादव कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि मोहन कैबिनेट में शिवराज सिंह का दबदबा घट गया है। अब भाजपा के एक नेता ने शिवराज सरकार के मंत्रियों को मोहन यादव कैबिनेट में जगह ना मिलने की वजह भी बताई है। आइये जानते हैं, पिछली सरकार में मंत्री रहे विधायकों को कैबिनेट में जगह क्यों नहीं दी गई…
भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से बातचीत करते हुए कहा कि पिछली सरकार के जिन मंत्रियों को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है, उनमें से ज्यादातर मंत्रियों की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं थी। भाजपा नेता ने कहा कि परफॉर्मेंस के साथ-साथ कुछ नेताओं का विवादों से नाता होने के चलते भी उन्हें मोहन कैबिनेट में जगह नहीं मिली। शिवराज सरकार में मंत्री रहे दस विधायकों को मोहन कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में कई बार के विधायक रहे गोपाल भार्गव ने खुद ही कहा था कि वो कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। उन्होंने कैबिनेट में शामिल होने को लेकर अनिच्छा जाहिर कर दी थी। इन नेताओं के अलावा शिवराज सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह को भी मोहन यादव कैबिनेट में जगह नहीं मिली। भूपेंद्र सिंह को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी के दूसरे नेताओं से लगातार लड़ाई के चलते पूर्व शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को मोहन कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
बता दें कि सोमवार को 28 मंत्रियों ने मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली। इस दौरान मंत्रिपद की शपथ लेने वाले विधायकों में 12 मंत्री ओबीसी वर्ग से हैं। इसके अलावा एससी/ एसटी और सामान्य वर्ग के विधायकों को भी मंत्रिपद दिया गया है। शपथ लेने वाले 28 मंत्रियों में 18 ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली, 6 मंत्रियों ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ ली, वहीं 4 मंत्रियों ने राज्यमंत्री की शपथ ली है।