शर्माते ही टमाटर की तरह क्यों लाल हो जाते हैं गाल, क्या है इसके पीछे का साइंस?

शर्माते ही टमाटर की तरह क्यों लाल हो जाते हैं गाल, क्या है इसके पीछे का साइंस?

जब हम किसी बात पर खुश होते हैं तो हमारे गाल खुद ब खुद लाल हो जाते हैं, जिसे आम भाषा में ब्लश करना कहते हैं. लेकिन आखिर हसने या मुस्कुराने पर हमारे गाल लाल क्यों होते हैं. क्या इसके पीछे कोई साइंटिफिक कारण है या कोई और वजह है आइए जानते हैं इस बारे में.

क्यों करते हैं ब्लश?
ब्लश करना एक ऑटोमेटिक प्रक्रिया है जिसमें आप शर्मिंदा होने पर या कोई ऐसी परिस्थिति जहां आप अंदर से खुश हैं और उसे व्यक्त नहीं कर पा रहे तब हमारे गाल लाल हो जाते हैं. इस नेचुरल प्रक्रिया को ब्लश करना कहते हैं. बिना बात के कोई भी व्यक्ति ब्लश नहीं करता है, ब्लश करने के पीछे कई वजह शामिल हो सकते हैं. दरअसल, जब भी हम किसी ऐसी परिस्थिति में फंसते हैं जहां आप शर्मिंदा हो रहे हैं, या आपको एंग्जायटी हो रही है या फिर आप किसी बात को लेकर ज्यादा खुश हैं तब हमारे दिमाग को एक सिग्नल मिलता है. इसके जरिए हमारी स्किन ये बताना चाहती है कि हम कुछ महसूस कर रहे हैं जिसे हम कह नहीं पा रहे. यह हमारे दिमाग और स्किन के द्वारा दिया जाने वाला एक सिग्नल है. जब हम ब्लश करते हैं तब हमारे दिमाग में एड्रिनैलिन रश होता है जिसके वजह से हमारे गालों के आस पास ब्लड का फ्लो तेज हो जाता है. इस प्रक्रिया को vasodilation कहते हैं जिसमें ब्लड तेजी से हमारे स्किन में दौड़ता है जिस वजह से चेहरे का कुछ हिस्सा लाल दिखने लगता है.

कुछ लोग ज्यादा ब्लश क्यों करते हैं?
कुछ लोग बहुत ज्यादा ब्लश करते हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके चेहरे पर बिलकुल ब्लश नहीं होता है, आखिर ऐसा क्यों है. इसका मुख्य कारण है साइकोलॉजी. दरअसल कुछ लोग अपने ब्रेन को कुछ इस तरह कंट्रोल करते हैं जिससे वह शर्मिंदा होने के बाद भी लोगों को अपनी परिस्थिति का पता नहीं लगने देते हैं. वहीं कुछ लोगों मानसिक रूप से बहुत ज्यादा इमोशनल होते हैं. जिस वजह से ऐसे लोग ज्यादाब्लश करते हैं. वहीं आपके चेहरे की बनावट और स्किन की मोटाई भी इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितना ब्लश करेंगे.

ब्लश करने में कोई बुराई नहीं है. कुछ लोग शर्मिंदा होने पर अपना चेहरा छुपाने लगते हैं क्योंकि इस वक्त उनका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है. लेकिन ब्लश करना इस बात को दर्शाता है कि आप सॉफ्ट दिल के इंसान हैं और आ में इमोशंस की कोई कमी नहीं है. इसलिए अगली बार किसी बात पर ब्लश करें तो उसे छुपाए नहीं बल्कि कॉन्फिडेंस के साथ उसको अपनाएं.

 

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