भूख लगने पर सिर्फ नमकीन खाना ही क्यों अच्छा लगता है? एक्सपर्ट्स ने दिया जवाब
हमारे डेली रुटीन से लेकर खान-पान तक, इंसान की हेल्थ को सीधे तौर प्रभावित करता है. शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए पोषक तत्वों से भरा खाना जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हमारे ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का समय भी शरीर पर असर डालता है. इसलिए जब भी भूख लगे, हेल्दी खाना खाएं और समय का भी ध्यान रखें. लेकिन आपने कभी गौर किया है कि जब भी भूख लगती है, तो हम मीठे की बजाय नमकीन फूड खाना पसंद करते हैं?
नमकीन फूड से ही हमारा पेट भरता है यानी हम संतुष्ठ होते हैं. आखिर हमारे शरीर का ये कैसा मैकेनिज्म है कि भूख लगने पर हमें सिर्फ नमकीन फूड ही चाहिए होता है. बेशक हम थोड़ा सा मीठा खा लें लेकिन भूख लगने पर हमारा मन नमकीन खाने की ही करता है. आखिर ऐसा क्यों होता है हेल्थ एक्सर्ट्स से समझने की कोशिश करते हैं.
भूख लगने पर नमकीन क्यों खाते हैं?
अपोलो अस्पताल में चीफ न्यूट्रीशियनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी कहती हैं कि भूख लगने का मतलब है कि हमारे शरीर को एनर्जी की जरूरत है. नमकीन खाने में सोडियम जैसे जरूरी मिनरल्स होते हैं, जो इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने, नर्व फंक्शनिंग को मैनेज करने के साथ-साथ फ्लूड लेवल को रेग्युलेट करने में मदद करते हैं. डॉ. प्रियंका कहती हैं कि समय के साथ मानव शरीर में नमक के प्रति रुचि बढ़ी है, संभवतः इस महत्वपूर्ण खनिज की कमी के कारण.
नोएडा में यथार्थ हॉस्पिटल में कंसल्टेंट इंटरनेल मेडिकल डॉ. आंचल चौधरी का कहना है कि भूख लगने पर चीनी की तुलना में नमकीन फूड के प्रति हमारी प्राथमिकता को शरीर की जरूरतों से समझाया जा सकता है. नमक इलेक्ट्रोलाइट, तरल पदार्थ को संतुलित करने और नर्व फंक्शनिंग को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जब हमें भूख लगती है तो हमारा शरीर नमकीन विकल्पों की ओर संकेत करता है.
मीठा क्यों नहीं खाते हैं
डॉ. आंचल चौधरी कहती हैं शुगर फूड्स बेशक हमारे शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करते हों लेकिन ये भूख को कंट्रोल करने के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं. चूंकि सोडियम हमारे शरीर के जरूरी कामों में तालमेल बिठाता है, यही वजह है कि हम नमकीन खाना खाते हैं.